डॉ. शिवांशु मिश्रा बने राज्य के पहले बोर्ड सर्टिफाइड बैरिएट्रिक सर्जन
Tuesday, Aug 05, 2025-05:36 PM (IST)

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। आधुनिक जीवनशैली, असंतुलित खानपान और शारीरिक गतिविधियों की कमी ने मोटापे को एक वैश्विक महामारी बना दिया है। भारत, विशेषकर उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में यह समस्या तेज़ी से बढ़ रही है। लेकिन अब इस गंभीर स्वास्थ्य संकट का समाधान राज्य के भीतर ही मौजूद है। Dr. Shivanshu Misra, उत्तर प्रदेश के पहले और एकमात्र बोर्ड सर्टिफाइड बैरिएट्रिक सर्जन, इस दिशा में क्रांतिकारी बदलाव ला रहे हैं।
डॉ. शिवांशु मिश्रा को वर्ष 2021 में बैंगलोर में आयोजित OSSI (Obesity Surgery Society of India) सम्मेलन में "Young Bariatric Surgeon of the Year" से सम्मानित किया गया। यही नहीं, उन्हें उत्तर प्रदेश के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री द्वारा "Best Bariatric Surgeon of Uttar Pradesh" का पुरस्कार भी प्रदान किया गया।
डॉ. शिवांशु मिश्रा को भारत की प्रतिष्ठित पत्रिका Silicon India Magazine ने "Top Bariatric Surgeons of India" की सूची में शामिल किया है, जो उनकी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान को प्रमाणित करता है।
डॉ. शिवांशु मिश्रा ने अब तक 50 से अधिक शोध लेख प्रतिष्ठित जर्नल्स में प्रकाशित किए हैं और बैरिएट्रिक सर्जरी पर आधारित 8 किताबों में अध्याय भी लिखे हैं। यह उपलब्धियाँ उन्हें न केवल एक कुशल चिकित्सक, बल्कि चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में भी एक सशक्त स्तंभ बनाती हैं।
डॉ. शिवांशु मिश्रा न केवल एक कुशल सर्जन हैं, बल्कि उन्होंने FMBS (Fellowship in Metabolic and Bariatric Surgery) जैसे प्रतिष्ठित इंटरनेशनल फेलोशिप से प्रशिक्षित होकर यह सिद्ध कर दिया है कि उत्तर प्रदेश के मरीजों को अब मोटापे और मेटाबॉलिक डिसऑर्डर के इलाज के लिए दूसरे राज्यों में भटकने की आवश्यकता नहीं है।
बैरिएट्रिक सर्जरी: सिर्फ वज़न नहीं, जीवनशैली में भी सुधार
Dr. Shivanshu Misra बताते हैं, “बैरिएट्रिक सर्जरी केवल शरीर के वज़न को कम करने तक सीमित नहीं है। यह एक मल्टी-डायमेंशनल ट्रीटमेंट है जो डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, थायरॉइड, स्लीप एपनिया जैसी बीमारियों को भी नियंत्रित करने में मदद करता है। यह सर्जरी न केवल शरीर, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य में भी सकारात्मक बदलाव लाती है।”
उनके नेतृत्व में अब तक कई ऐसे मरीजों का इलाज किया जा चुका है जिनका जीवन वर्षों से मोटापे और उससे जुड़ी बीमारियों के कारण सीमित हो चुका था। उनकी टीम हर केस का व्यक्तिगत मूल्यांकन करती है और उच्च तकनीकी उपकरणों से सर्जरी को सुरक्षित और सफल बनाती है।
उत्तर भारत में जागरूकता की कमी
उत्तर प्रदेश में अब भी बैरिएट्रिक सर्जरी को लेकर कई भ्रांतियाँ और भय मौजूद हैं।डॉ. शिवांशु मिश्रा इस बात को भलीभांति समझते हैं और लोगों को शैक्षिक सेमिनार, ऑनलाइन काउंसलिंग और फ्री हेल्थ कैम्प्स के माध्यम से जागरूक कर रहे हैं। वे मानते हैं कि सही जानकारी और विशेषज्ञ मार्गदर्शन से हजारों लोग मोटापे की कैद से बाहर आ सकते हैं।
किन मरीजों के लिए उपयुक्त है बैरिएट्रिक सर्जरी?
जिनका BMI (Body Mass Index) 35 या उससे अधिक है
जो मोटापे से संबंधित बीमारियों से ग्रस्त हैं
जिन पर डाइट, एक्सरसाइज़ और दवाओं का असर नहीं हो रहा
जिनकी जीवनशैली मोटापे के कारण सीमित हो चुकी है
Dr. Shivanshu Misra का मिशन स्पष्ट है — उत्तर प्रदेश को मोटापे और उससे जुड़ी बीमारियों से राहत दिलाना। वे अंतरराष्ट्रीय स्तर की विशेषज्ञता को राज्य के कोने-कोने तक पहुंचाना चाहते हैं ताकि आम लोग भी हेल्दी और सक्रिय जीवन जी सकें।