अनीता हसनंदानी बनी ‘छोरियां चली गांव’ की विजेता, गांव में धूमधाम से जश्न मनाया गया
Sunday, Oct 05, 2025-01:44 PM (IST)

बॉलीवुड डेस्क: रियलिटी शो ‘छोरियां चली गांव’ का अंत हो चुका है और इस बार की ट्रॉफी अनीता हसनंदानी के नाम रही। 2 महीने तक चले इस अनोखे शो में सितारों ने गांव की जिंदगी को करीब से समझा और वहां के लोगों के साथ वक्त बिताया। शो के ग्रैंड फिनाले में ढोल-ताशे की गड़गड़ाहट के बीच अनीता की जीत का ऐलान किया गया, जिससे पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई।
अनीता हसनंदानी बनीं शो की विजेता
‘छोरियां चली गांव’ में फाइनल मुकाबला बेहद रोमांचक रहा। आखिरी दौर तक अनीता हसनंदानी और कृष्णा श्रॉफ के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। कृष्णा श्रॉफ फर्स्ट रनरअप रहीं। शो की मेजबानी रणविजय सिंह ने की। इस रियलिटी शो में प्रतिभागियों को गांव की पारंपरिक जिंदगी के हर पहलू से रूबरू होना पड़ा – चाहे वह गाय का दूध निकालना हो या खाने के लिए कुएं से पानी लाना। अनीता ने अपने आत्मविश्वास, मेहनत और सूझ-बूझ से गांववालों का दिल जीत लिया और ट्रॉफी अपने नाम की।
ग्रैंड फिनाले में हुए दमदार प्रदर्शन
फिनाले में टॉप 5 कंटेस्टेंट्स ने शानदार प्रदर्शन किया। इस दौरान डॉली जावेद की बहन उर्फी जावेद और कृष्णा श्रॉफ के बॉयफ्रेंड अजीम भी नजर आए। अनीता ने अपनी जीत पर खुशी जाहिर करते हुए कहा,“जब मैंने इस शो के लिए हामी भरी तो मुझे पता था कि यह मेरा कम्फर्ट जोन तोड़ने वाला अनुभव होगा। लेकिन मुझे यकीन नहीं था कि मैं इतना कुछ सीख पाऊंगी और खुद को इतना बेहतर बना पाऊंगी। यह जीत सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि मेरे परिवार की भी है।”
छोरियों ने किया गांववालों का खास ख्याल
‘छोरियां चली गांव’ के दौरान प्रतिभागियों ने न केवल अपनी कड़ी मेहनत दिखाई बल्कि गांववालों की मदद करने का भी बड़ा काम किया। डॉली जावेद ने किरण और उनकी मां को 60,000 रुपये और एक सिलाई मशीन दी। सुरभि मेहरा ने विनायक स्कूल के बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाने का वादा किया। अनीता हसनंदानी ने शगुना बाई के पोते की पूरी पढ़ाई का खर्च उठाने का कमिटमेंट लिया। कृष्णा श्रॉफ ने मनीष को खेती के लिए 1 लाख रुपये की मदद दी।
शो का मकसद – गांव की जिंदगी को समझना और मदद करना
यह शो खास इसलिए था क्योंकि इसमें शहरी जीवन से दूर, सेलेब्रिटीज को गांव के कठिन संघर्षों से रूबरू कराया गया। इस दौरान उन्होंने गांववालों के साथ जुड़ाव बनाया और उनकी समस्याओं को समझा। कई कंटेस्टेंट्स ने इस दौरान गांव की समस्याओं को उजागर करते हुए मदद भी की, जो शो की सबसे बड़ी खासियत बनी।