वेब सीरीज "IC814-द कंधार हाईजैक” पर रोक लगाने की मांग,Kangana ने भी की टिप्पणी, कहा- ऐसी फिल्में भ्रमित करतीं

Tuesday, Sep 03, 2024-01:45 PM (IST)

 मुंबई: एक्टर अनुभव सिन्हा की वेब सीरीज 'IC 814: द कंधार हाईजैक' को लेकर विवाद गहरा गया है। सीरीज में आतंकवादियों के हिंदू नाम दिखाए जाने के कारण सोशल मीडिया पर जोरदार प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। दिल्ली हाई कोर्ट में इस वेब सीरीज पर बैन लगाने के लिए जनहित याचिका दायर की जा चुकी है। इस मुद्दे के चलते नेटफ्लिक्स इंडिया की कंटेंट हेड मोनिका शेरगिल को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की बैठक के लिए बुलाया गया है।

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, वेब सीरीज 1999 में हुए विमान अपहरण पर आधारित है, जिसमें आतंकवादियों के कोड नाम- चीफ, डॉक्टर, बर्गर, भोला और शंकर दर्शाए गए हैं। दिलचस्प बात यह है कि विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध 6 जनवरी, 2000 के गृह मंत्रालय के बयान में भी आतंकवादियों के यही कोड नाम बताए गए थे। 'भोला' और 'शंकर' नाम हरकत-उल-मुजाहिदीन आतंकवादी समूह के अपहरणकर्ताओं के कोड नाम थे। हालांकि, बीजेपी नेताओं सहित कई अन्य लोगों ने इन नामों पर आपत्ति जताई है। इस पर मंत्रालय ने नेटफ्लिक्स को निर्देश दिया है कि वह जनता की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखे और विवाद को सुलझाने का तरीका निकाले। सरकार ने फिलहाल इस वेब सीरीज पर प्रतिबंध लगाने की कोई मंशा नहीं जताई है, लेकिन नेटफ्लिक्स और इसके कंटेंट हेड को चेतावनी दी गई है कि वे विवाद को सुलझाने के उपाय तलाशें। इसके अलावा, अनुभव सिन्हा को भी तलब किया जा सकता है।

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इस बीच बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि अपहरणकर्ता खूंखार आतंकवादी थे, जिन्होंने अपनी मुस्लिम पहचान छिपाने के लिए फर्जी नाम अपनाए थे। उन्होंने ट्विटर (अब X) पर लिखा कि अनुभव सिन्हा ने सीरीज में गैर-मुस्लिम नामों को दिखाकर उनके आपराधिक इरादों को वैध बनाया। वहीं एक्ट्रेस कंगना रनौत ने भी टिप्पणी की है लोग जो 'द कश्मीर फाइल्स' जैसी फिल्मों को सच मानते हैं, वे 'IC 814' की घटनाओं को लेकर भ्रमित हो रहे हैं। एक राष्ट्रवादी के रूप में कोई भी ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म हमें ऐसी फ़िल्में बनाने की अनुमति नहीं देता है जो भारत की अखंडता और एकता के इर्द-गिर्द घूमती हों,

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जानकारी के अनुसार, 24 दिसंबर 1999 को काठमांडू से दिल्ली आ रही इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट का अपहरण कर लिया गया था। इसे अमृतसर, लाहौर और दुबई होते हुए अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया। सात दिनों की बातचीत के बाद विमान को मुक्त किया गया, लेकिन तत्कालीन भाजपा सरकार को तीन आतंकवादियों को रिहा करना पड़ा था। इनमें से एक यात्री की बाद में मौत हो गई थी।
 


Content Editor

Shivani Soni

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