रील से रियल तक: विद्या बालन का मेथड ड्रेसिंग का अनोखा अंदाज़
Friday, Oct 18, 2024-04:56 PM (IST)
मुंबई: विद्या बालन को लंबे समय से उनकी परिवर्तनशील भूमिकाओं और अपने किरदारों में जान डालने की क्षमता के लिए सराहा जाता है। जो उन्हें और खास बनाता है, वह है प्रचार के दौरान उनके मेथड ड्रेसिंग के प्रति समर्पण। यह एक ऐसा तरीका है जिसमें वह अपने किरदार की प्रामाणिकता बढ़ाने के लिए बहुत ध्यान से अपने ड्रेस चुनती हैं। इस समर्पण ने उनके किरदारों को न केवल अविस्मरणीय बना दिया है बल्कि भारतीय सिनेमा में फिल्म प्रचार के लिए एक नई मिसाल भी कायम की है, जैसा कि उनकी नई फिल्म भूल भुलैया 3 में देखा गया, जहां वह काली साड़ियों और आउटफिट्स में नजर आईं। हालांकि, विद्या बालन की मेथड ड्रेसिंग कोई नई बात नहीं है। उन्होंने कई प्रतिष्ठित फिल्मों के प्रचार के दौरान अपने किरदारों को निखारने के लिए अपने ड्रेस का इस्तेमाल किया है, जिससे उनके रियल और रील जीवन के बीच की सीमाएं और धुंधली हो गई हैं।
इश्किया (2010): इस फिल्म में, विद्या ने वाइब्रेंट रंगों में रिवर्स पल्लू स्टाइल की साड़ी पहनी, जो न केवल एक अनोखा दृश्य तत्व जोड़ता है बल्कि उनके किरदार की बोल्ड और असामान्य व्यक्तित्व को भी दर्शाता है।
कहानी (2012): इस थ्रिलर फिल्म के लिए, विद्या ने प्रचार के दौरान नकली बेबी बंप पहना, जिससे उनके रियल और रील जीवन के बीच की सीमाएं धुंधली हो गईं और एक गर्भवती महिला के किरदार को और भी प्रामाणिक बना दिया, जो अपने लापता पति को खोजने की मिशन पर है।
द डर्टी पिक्चर (2011): इस बायोग्राफिकल ड्रामा में विद्या के रेट्रो-प्रेरित कपड़े 1980 के दशक की भावना को पकड़ने में महत्वपूर्ण थे और सिल्क स्मिता के रंगीन व्यक्तित्व को दर्शाते थे, जिसे उन्होंने निभाया।
नो वन किल्ड जेसिका (2011): विद्या ने इस फिल्म में कुर्तियों और चश्मे को चुना, जो उनके किरदार की गंभीर और दृढ़ स्वभाव को दर्शाने में मदद करता है, एक पत्रकार जो न्याय की खोज में है।
तुम्हारी सुलु (2017): इस दिल को छूने वाली फिल्म में, विद्या ने साधारण और नियमित साड़ियों और प्रिंट्स का चयन किया, जो उनके किरदार की मध्यमवर्गीय पृष्ठभूमि और उनके सरल, फिर भी जीवंत व्यक्तित्व को उजागर करता है।
विद्या बालन का फिल्म प्रचार के दौरान मेथड ड्रेसिंग का तरीका भारतीय सिनेमा में एक नया मानक स्थापित कर चुका है। अपने ड्रेस का उपयोग करके अपने किरदारों को अविस्मरणीय बनाने की उनकी क्षमता उनके समर्पण और उनके कला के गहरे समझ का प्रमाण है। छोटे से छोटे विवरण पर ध्यान देकर, वह सुनिश्चित करती हैं कि उनके किरदार न केवल विश्वसनीय हों, बल्कि यादगार भी बनें।