''जरूरी नहीं हर मीम्स अपमानजनक ही हो'' करण जौहर की व्यक्तित्व अधिकार संबंधी याचिका पर HC का जवाब
Tuesday, Sep 16, 2025-09:28 AM (IST)

मुंबई: बॉलीवुड कपल ऐश्वर्या राय और अभिषेक बच्चन ने कुछ दिन पहले व्यक्तिगत अधिकारों की सुरक्षा की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। वहीं अब फिल्म निर्माता और निर्माता करण जौहर भी अपनी पहचान के गलत इस्तेमाल के खिलाफ कानूनी लड़ाई में उतर गए हैं। करण जौहर ने दिल्ली हाईकार्ट में याचिका दायर की। वहीं कोर्ट में सोमवार को करण जौहर की याचिका पर कुछ देर सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति मनमीत प्रीत सिंह अरोड़ा ने उचित आदेश पारित करने को अगली सुनवाई के लिए बुधवार 17 सितंबर के लिए यह मामला सूचीबद्ध किया है।
सुनवाई के दौरान करण जौहर की तरफ से विभिन्न विवादित लिंक और यूआरएल (कथित उल्लंघनकारी सामग्री) भी पेश किए गए। अदालत ने इनका अवलोकन किया। करण जौहर की तरफ से उन्होंने कहा, 'ये वे वेबसाइट हैं, जहां से मेरी तस्वीरें डाउनलोड की जाती हैं। विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई पेज मेरे नाम से हैं।'
मामले की सुनवाई कर रहीं न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने मेटा की दलील पर सहमति जताते हुए कहा कि हर फैन पेज को ब्लॉक करने या हटाने का आदेश नहीं दिया जा सकता। न्यायमूर्ति अरोड़ा ने कहा, 'मिस्टर राव आपको दो बातों पर ध्यान देना होगा एक है अपमानजनक, जो मीम्स से अलग है। मीम्स जरूरी नहीं कि अपमानजनक ही हों। फिर कोई व्यक्ति सामान बेच रहा है। तीसरा है आपका डोमेन नाम। कृपया उसे स्पष्ट रूप से बताएं। न्यायालय इस पर विचार करेगा। मुझे लगता है कि मिस्टर पाठक सही हैं, यह हर फैन पेज नहीं हो सकता। हम कोई खुला निषेधाज्ञा नहीं दे सकते'।
वहीं करण जौर के एडवोकेट राव ने तर्क दिया कि करण जौहर को यह निर्णय लेने का अधिकार है कि उनका केवल एक ही फैन पेज हो सकता है या नहीं। उन्होंने कहा- 'मजाक उड़ाने और वीडियो बनाने के बीच एक सीमा रेखा होती है। प्लेटफॉर्म जिम्मेदार हो जाता है। जितने ज्यादा मीम्स होंगे, वे उतने ही ज्यादा वायरल होंगे आप उतना ही ज्यादा पैसा कमाएंगे। मुझे यह सुनिश्चित करने का अधिकार है कि कोई भी मेरी सहमति के बिना मेरे व्यक्तित्व, मेरे चेहरे या व्यक्तित्व संबंधी अन्य विशेषताओं का इस्तेमाल न करे। मैंने दूसरी तरफ देखने का फैसला किया है, इसका मतलब यह नहीं कि दूसरों को कोई छूट मिल गई है।'
कुछ देर तक मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने संकेत दिया कि वह कुछ खास पेजों को हटाने के आदेश दे सकती है और अगर बाद में ऐसे ही पेज दिखाई देते हैं तो करण जौहर उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के ध्यान में ला सकते हैं जो उस पर कार्रवाई कर सकता है। न्यायमूर्ति अरोड़ा ने कहा- 'अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो आप अदालत आएं।' इसके बाद न्यायमूर्ति अरोड़ा ने कहा कि वह 17 सितंबर को अंतरिम राहत आवेदन पर आदेश पारित करेंगी।