जावेद अख्तर के नाम बड़ी उपलब्धि, भारतीय सिनेमा और साहित्य की दुनिया में अमूल्य योगदान के लिए मिलेगा शिक्षा अनुसंधान साहित्य सम्मान
Sunday, Nov 02, 2025-11:21 AM (IST)
मुंबई. हिंदी सिनेमा के गीतकार, कवि और लेखक जावेद अख्तर आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। वहीं, अब इस मशहूर गीतकार को भारतीय सिनेमा और साहित्य की दुनिया में अपने अमूल्य योगदान के लिए साल 2025 का ‘शिक्षा ओ अनुसंधान’ (SOA) साहित्य सम्मान प्रदान किया जाएगा। यह प्रतिष्ठित सम्मान उन्हें 29 नवंबर को आयोजित होने वाले एक विशेष समारोह में दिया जाएगा।

दो दिवसीय साहित्य महोत्सव के उद्घाटन पर होगा सम्मान समारोह
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, यह सम्मान जावेद अख्तर को शिक्षा ‘ओ’ अनुसंधान विश्वविद्यालय (SOA University) की ओर से आयोजित दो दिवसीय साहित्य महोत्सव के उद्घाटन समारोह में प्रदान किया जाएगा। इस सम्मान के तहत उन्हें 7 लाख रुपये की नकद राशि, एक प्रशस्ति पत्र, देवी सरस्वती की रजत प्रतिमा और एक पारंपरिक शॉल भेंट की जाएगी।

पुरस्कार की परंपरा और उद्देश्य
‘शिक्षा ओ अनुसंधान साहित्य सम्मान’ हर साल उन भारतीय लेखकों और साहित्यकारों को दिया जाता है, जो संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त किसी भी भारतीय भाषा में उत्कृष्ट रचनात्मक कार्य कर रहे हैं।
महोत्सव की निदेशक गायत्रीबाला पांडा ने बताया कि इस सम्मान का उद्देश्य भारतीय भाषाओं के समृद्ध साहित्य को आगे बढ़ाना और लेखकों को नई प्रेरणा देना है।
जावेद अख्तर की करियर यात्रा
जावेद अख्तर न सिर्फ बॉलीवुड के दिग्गज गीतकार हैं, बल्कि वे एक संवेदनशील कवि, लेखक और सामाजिक विचारक के रूप में भी पहचाने जाते हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बतौर स्क्रीनराइटर की थी और सलीम खान के साथ मिलकर ‘सलीम-जावेद’ की जोड़ी के रूप में ‘शोले’, ‘दीवार’, ‘डॉन’, ‘जंजीर’ जैसी सुपरहिट फिल्मों की पटकथाएं लिखीं। बाद में वे एक सफल गीतकार बने और ‘कल हो ना हो’, ‘लगान’, ‘दिल चाहता है’, ‘जो जीता वही सिकंदर’ जैसी फिल्मों के गीतों से संगीत प्रेमियों का दिल जीत लिया।
