''इमरजेंसी'' की रिलीज डेट टलने से कंगना को लगा बडा झटका, बोलीं- ''जल्द होगी नई तारीख की घोषणा''
Friday, Sep 06, 2024-01:00 PM (IST)
बॉलीवुड तड़का टीम. कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी' की रिलीज से पहले ही विवादों में घिर गई। सिख समुदाय ने फिल्म का जमकर विरोध किया और इसके बैन की मांग की। तमाम विवादों दे बीच एक बार फिर कंगना की फिल्म की रिलीज डेट टल गई। पहले ये फिल्म आज 6 सितंबर को रिलीज होने वाली थी, लेकिन अब कहा गया है कि जल्द ही इसकी नई रिलीज डेट की घोषणा की जाएगी। इस बात की जानकारी कंगना ने खुद फैंस को सोशल मीडिया पर दी है।
‘इमरजेंसी' देशभर के सिनेमाघरों में इस शुक्रवार को रिलीज होने वाली थी, लेकिन निर्माताओं को अभी तक केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से मंजूरी नहीं मिली है और मामला फिलहाल अदालत में है। भाजपा की सांसद व एक्ट्रेस कंगना रनौत ने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट में कहा, "भारी मन से मैं यह घोषणा कर रही हूं कि मेरे निर्देशन में बनी फिल्म 'इमरजेंसी' की रिलीज स्थगित कर दी गई है, हम अभी भी सेंसर बोर्ड से प्रमाण पत्र का इंतजार कर रहे हैं, नई रिलीज की तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी।"
With a heavy heart I announce that my directorial Emergency has been postponed, we are still waiting for the certification from censor board, new release date will be announced soon, thanks for your understanding and patience 🙏
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 6, 2024
बता दें, ‘इमरजेंसी' में कंगना रनौत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका में हैं। शिरोमणि अकाली दल सहित सिख संगठनों द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद ‘इमरजेंसी' विवाद में फंस गयी है, जिसमें समुदाय को गलत तरीके से प्रस्तुत करने और ऐतिहासिक तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया गया है।
फिल्म की निर्माता कंपनी जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज ने बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सीबीएफसी को फिल्म के लिए प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था। बंबई उच्च न्यायालय ने सेंसर बोर्ड को फिल्म के तत्काल प्रमाणन संबंधी कोई भी निर्देश देकर तुरंत राहत देने से चार सितंबर को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति बी पी कोलाबावाला और न्यायमूर्ति फिरदौस पूनीवाला की खंडपीठ ने कहा कि वह मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा जारी उस निर्देश के मद्देनजर तत्काल कोई राहत नहीं दे सकती, जिसमें सेंसर बोर्ड को निर्देश दिया गया है कि वह फिल्म के प्रमाणन से पहले आपत्तियों पर विचार करे।