जर्मन सैक्सोफोनिस्ट और संगीतकार क्लॉस डोल्डिंगर का निधन, 89 की उम्र में कहा दुनिया को अलविदा
Monday, Oct 20, 2025-11:42 AM (IST)

मुंबई. जाने-माने जर्मन सैक्सोफोनिस्ट और संगीतकार क्लॉस डोल्डिंगर अब इस दुनिया में नहीं रहे। उनका 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। वे अपनी रचनाओं से फिल्म संगीत की दुनिया में एक अमिट छाप छोड़ गए। अब उनके जाने से संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
परिवार ने की निधन की पुष्टि
हॉलीवुड रिपोर्टर के मुताबिक, क्लॉस डोल्डिंगर ने 16 अक्टूबर को अंतिम सांस ली। इस खबर की पुष्टि उनके परिवार ने जर्मन प्रेस एजेंसी डीपीए (DPA) को की। संगीत जगत में उनके निधन से गहरा शोक फैल गया है, क्योंकि उन्होंने जर्मन जैज़ और फिल्म संगीत दोनों में नई दिशा दी थी।
कौन थे क्लॉस डोल्डिंगर?
क्लॉस डोल्डिंगर का जन्म 12 मई 1936 को बर्लिन में हुआ था। बचपन से ही उनका झुकाव संगीत की ओर था। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा के दौरान पियानो और क्लैरिनेट बजाना सीखा। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अमेरिकी सैनिकों द्वारा जर्मनी में लाए गए जैज़ संगीत ने उनके जीवन को नई दिशा दी। धीरे-धीरे उन्होंने पारंपरिक संगीत से हटकर जैज़ और प्रयोगात्मक ध्वनियों की ओर रुख किया। अपनी 2022 में प्रकाशित आत्मकथा “Made in Germany: Mein Leben für die Musik” में उन्होंने लिखा था कि वे ऐसा संगीत बनाना चाहते थे “जिस पर कोई कदम से कदम मिलाकर न चल सके और न ही अपनी एड़ियां आपस में टकरा सके।”
फिल्मी सफर और अंतरराष्ट्रीय पहचान
डोल्डिंगर को सिनेमा की दुनिया में असली पहचान 1981 में वुल्फगैंग पीटरसन की फिल्म ‘दास बूट’ से मिली। इस फिल्म के लिए उन्होंने जो साउंडट्रैक तैयार किया, वह उस दौर के लिए बेहद अनोखा था।
उन्होंने पारंपरिक ऑर्केस्ट्रा की सीमाओं से आगे जाकर इलेक्ट्रॉनिक ध्वनियों और सिंथेसाइज़र का प्रयोग किया। उनके संगीत ने पनडुब्बी के भीतर के माहौल-सोनार की ध्वनियों, इंजन की गूंज और धातु जैसी आवाज़ों को बड़ी बारीकी से दर्शाया। यह साउंडट्रैक न केवल फिल्म का अभिन्न हिस्सा बना बल्कि आधुनिक फिल्म संगीत की दिशा भी तय की।
इसके बाद उन्होंने 1984 की फैंटेसी फिल्म ‘द नेवरएंडिंग स्टोरी’ के लिए भी संगीत रचा, जो आज भी क्लासिक मानी जाती है। उनका बनाया थीम म्यूजिक आज भी लोगों के दिलों में बसा है।