Gen-Z Protest के बीच नेपाल सरकार पर फूटा मनीषा कोइराला का गुस्सा, बोलीं- न्याय की मांग का जवाब गोलियों से..
Tuesday, Sep 09, 2025-12:18 PM (IST)

मुंबई. नेपाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स बैन कर दिए हैं, जिसके बाद युवाओं का गुस्सा नेपाल सरकार पर जमकर फूट रहा है। जेनरेशन Z सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। इसमें कई लोगों की जान भी जा चुकी है। सोशल मीडिया पर भी इस प्रोटेस्ट की दिल दहला देने वाली कई तस्वीरें वायरल हो रही हैं। इसी बीच बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस मनीषा कोइराला ने इस प्रोटेस्ट पर अपनी चुप्पी तोड़ी है और नेपाल सरकार पर गुस्सा जाहिर किया है।
मनीषा कोइराला ने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने एक खून से सने हुए सफेद जूते की तस्वीर शेयर की है। ये मात्र फोटो नहीं है, बल्कि नेपाल में हो रही हिंसा का एक सबूत है, जो काफी भयावह प्रतीत हो रहा है।
इस पोस्ट के साथ मनीषा कोइराला ने नेपाली भाषा में लिखा, ‘आजको दिन नेपालका लागि कालो दिन हो- जब जनताको आवाज, भ्रष्टाचारविरुद्धको आक्रोश र न्यायको मागलाई गोलीले जवाफ दिइयो।’ यानि हिंदी में इसका मतलब है- आज नेपाल के लिए एक काला दिन है- जब लोगों की आवाज, भ्रष्टाचार के खिलाफ आक्रोश और न्याय की मांग का जवाब गोलियों से दिया जाता है।
मनीषा का नेपाल से कनेक्शन
बता दें मनीषा कोइराला का नेपाल से गहरा नाता रहा है। एक्ट्रेस का जन्म नेपाल के विराटनगर की एक राजनीतिक फैमिली में हुआ। एक्ट्रेस के पिता प्रकाश कोईराला नेपाल सरकार में मंत्री रह चुके हैं। इसके साथ ही मनीषा की दादी नेपाल की पहली महिला मंत्री थीं। ऐसे में मनीषा नेपाल से गहर ताल्लुक रखती हैं।
Gen Z के प्रोटेस्ट के बाद नेपाल सरकार
सोशल मीडिया बैन को लेकर प्रोटेस्ट में उतरे युवाओं के बाद अब नेपाल सरकार ने अपना फैसला वापस ले लिया है। युवाओं के प्रोटेस्ट के सामने झुक कर अब नेपाल सरकार ने व्हाट्सऐप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, एक्स (ट्विटर) और अन्य 26 प्लेटफॉर्म्स को एक्टिव कर दिया है।
क्यों हो रहा था विरोध?
दरअसल, नेपाल सरकार ने 4 सितंबर को व्हाट्सऐप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, एक्स (ट्विटर) और अन्य 26 प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक कर दिया था। सरकार ने इसका कारण देते हुए कहा कि ये फैसला अफवाहों को कंट्रोल में करने के लिए लिया गया है। प्लेटफॉर्म्स बैन होने से आक्रोश में आए युवा सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर गए। इस हिंसा में करीब 20 लोगों की जान चली गई।