''फालतू नारीवाद'' बयान पर बढ़ा विवाद तो नीना गुप्ता ने मारा यू टर्न, कहा- यह सिर्फ प्रमोशन के लिए किया गया

Friday, Dec 08, 2023-01:28 PM (IST)

बॉलीवुड तड़का टीम. दिग्गज एक्ट्रेस नीना गुप्ता अपनी बेबाक राय और दृष्टिकोण के लिए जानी जाती हैं। अभी कुछ दिन पहले ही एक इंटरव्यू में एक्ट्रेस ने अपने विचार व्यक्त करते हुए महिला-पुरुषों के लिए वित्तीय स्वतंत्रता के महत्व पर प्रकाश डाला था। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए इस बात पर भी जोर दिया कि महिलाओं को पुरुषों की जरूरत है। इंटरव्यू में, उन्होंने नारीवाद को फालतू का मुद्दा बताया था। वहीं अब इस बयान पर विवाद बढ़ता देख एक्ट्रेस यू टर्न मारती दिख रही हैं। हाल ही में बधाई हो उन्होंने अपने बयान पर सफाई दी है।

 

हाल ही में नीना गुप्ता ने 'फालतू नारीवाद' बयान पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि इंटरव्यू के उस हिस्से का इस्तेमाल सिर्फ प्रमोशन के लिए किया गया है। विवाद पैदा करने के लिए यह सब किया जा रहा है।  इसके बाद से ही लोग आपस में लड़ रहे हैं। एक व्यक्ति मेरा समर्थन कर रहा है, तो वहीं दूसरा मुझे कोस रहा है। यहां तक की मेरे फैंस नेटीजंस को इंटरव्यू देखने की सलाह दे रहे हैं।' 

 

नीना ने कहा कि वो सोशल मीडिया पर जो कुछ भी शेयर करती हैं, उसे लेकर वे हमेशा अलर्ट रहती हैं। उन्होंने कहा, 'ऐसा नहीं है कि गलतियां नहीं होती हैं, मुझसे भी कई बार गलतियां हुई हैं। हालांकि, कुछ लोग हैं, जो सोशल मीडिया पर बिना सोचे अपनी राय व्यक्त कर देते हैं। मैं आपको बता दूं कि अगर मैं गुस्से में हूं, या मेरा किसी से झगड़ा हुआ है तो मैं सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट नहीं करती। मैं सभी को सलाह भी देती हूं कि अगर आप नशे में हैं, तो आपको पोस्ट नहीं करना चाहिए। यदि आप ऐसा करते हैं, तो बाद में आपको पछताना पड़ता है। सोशल मीडिया या इंटरव्यू में कुछ भी बोलने से पहले सही भाषा का प्रयोग करें, क्योंकि आप जो कहते हैं उसे बहुत सारे लोग सुन रहे हैं।'

 


बता दें, बीते दिनों नीना गुप्ता ने एक इंटरव्यू में 'नारीवाद' मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त की थी। एक्ट्रेस ने पुरुषों और महिलाओं को समान बताने वाले नारीवादी सिद्धांत को खारिज किया था। उन्होंने कहा था, 'यह सच नहीं है, महिलाओं के लिए नारीवाद के विचार में विश्वास करना आवश्यक नहीं है। महिलाओं को हमेशा पुरुषों की जरूरत होती है।' अब नीना ने कहा, 'मैं कहना चाहती हूं कि फालतू नारीवाद या इस विचार पर विश्वास करना जरूरी नहीं है कि महिलाएं पुरुषों के बराबर हैं।'


Content Writer

suman prajapati

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