ऑस्कर विनर फिलिस्तीनी फिल्ममेकर हमदान बल्लाल पर हमला, इजरायली सेना ने हिरासत में लिया
Tuesday, Mar 25, 2025-03:01 PM (IST)

मुंबई: डॉक्यूमेंट्री 'नो अदर लैंड' के लिए इसी साल ऑस्कर जीतने वाले फिलीस्तीनी फिल्ममेकर हमदान बल्लाल को इजरायली सेना ने हिरासत में ले लिया है। हमदान, इजरायल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक गांव में अपने घर के आसपास थे जब इजरायली लोगों के एक समूह ने उन पर हमला कर दिया। इजरायली शेल्टर्स के इस हमले के बाद इजरायली सेना भी वहां पहुंची और फिल्ममेकर को हिरासत में ले लिया। डॉक्यूमेंट्री 'नो अदर लैंड' के इजरायली को-डायरेक्टर युवल अब्राहम ने इस घटना की पुष्टि की है।
उन्होंने लिखा, 'शेल्टर्स के एक समूह ने हमारी फिल्म 'नो अदर लैंड' के को-डायरेक्टर हमदान बल्लाल को खूब पीट है। उनके सिर और पेट में चोटें आईं, खून बह रहा था। सैनिकों ने उनके द्वारा बुलाई गई एम्बुलेंस पर भी हमला किया और उसे ले गए। उसके बाद से उनका कोई पता नहीं चला।'
एक रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्यूमेंट्री के को-डायरेक्टर बेसल अद्रा ने हमदान बल्लाल को हिरासत में लेकर जाते हुए देखा। उन्होंने बताया कि लगभग दो दर्जन से ज्यादा लोगों ने गांव पर हमला किया, जबकि इजरायली वर्दी पहने सैनिकों ने फिलिस्तीनियों पर अपनी बंदूकें तान दीं। बेसल अद्रा ने बताया, 'हम ऑस्कर से वापस आए और तब से हर दिन हम पर हमले हो रहे हैं।'
The group of armed KKK-like masked settlers that lynched No Other Land director Hamdan Ballal (still missing), caught here on camera. pic.twitter.com/kFGFxSEanY
— Yuval Abraham יובל אברהם (@yuval_abraham) March 24, 2025
युवल अब्राहम ने इस बीच एक वीडियो भी शेयर किया है, जिसमें कुछ नकाबपोश लोग एक कार पर पत्थर बरसा रहे हैं। उन्होंने लिखा, 'नो अदर लैंड के निर्देशक हमदान बल्लाल (अभी भी लापता) पर हमला करने वाले KKK जैसे हथियारबंद नकाबपोश लोगों का समूह कैमरे में कैद हुआ।'
युवल अब्राहम एक फिल्म निर्माता होने के साथ ही इजरायली पत्रकार भी हैं।
डॉक्यूमेंट्री 'नो अदर लैंड' के लिए, हमदान बल्लाल ने युवल अब्राहम और साथी फिलीस्तीनी फिल्म निर्माता बेसल अद्रा और इजरायली सिनेमेटोग्राफर, एडिटर और डायरेक्टर राहेल सोर के साथ मिलकर काम किया।
बता दें कि 'नो अदर लैंड' का वर्ल्ड प्रीमियर 2023 बर्लिनले में हुआ था, जहां इसने ऑडियंस अवॉर्ड और बर्लिनले डॉक्यूमेंट्री अवॉर्ड जीता। युवल अब्राहम ने अपने भाषण में इजरायल में 'रंगभेद की स्थिति' की आलोचना करने और गाजा में युद्ध विराम का आह्वान किया था जिस कारण विवाद हो गया था। युवल अब्राहम को मौत की धमकियां मिली हैं और उन पर यहूदी विरोधी होने का आरोप लगाया गया।