अध्ययन सुमन ने सुनाई आपबीती, कहा-'' बॉलीवुड में नेपोटिज्म है सबसे बड़ी समस्या, मुझे 14 फिल्मों से बाहर का रास्ता दिखाया गया''
Saturday, Jul 11, 2020-11:21 AM (IST)
मुंबई: एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड के बाद से ही इंडस्ट्री में नेपोटिज्म और फेवरेटिज्म का मुद्दा गर्माया हुआ है। अब तक कई स्टार्स आगे आकर अपने साथ हुए भेदभाव की बात को कबूल चुके हैं। बाॅलीवुड एक्टर और शेखर सुमन के बेटे अध्ययन सुमन ने भी अपने साथ हुए इसी भेदभाव की कहानी को उजागर किया। अध्ययन ने बताया कि उनसे एक एक कर 14 फिल्में छीन ली गई थी। इतना ही नहीं 9 साल तक उनसे किसी ने बात नहीं की थी। अध्ययन सुमन ने कहा स्टार किड पर भी प्रेशर होता है खुद को साबित करने का,अच्छा काम करने का।
उनका भी अपना स्ट्रगल होता है। बॉलीवुड में मूवी माफिया चलता है। हमारे देश में बहुत ही टिपिकल सोच है।हर कोई एक ही चीज के पीछे भागता है बिना उसका सही और असली मतलब समझे। नेपोटिज्म हर जगह है मुझे समझ नहीं आ रहा सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री की ही बात क्यों हो रही है। बॉलीवुड बबल के साथ इंटरव्यू में अध्ययन सुमन ने कहा-'इंडस्ट्री में सालों से पावर डायनैमिक्स और गुटबंदी है। यह मेरे साथ भी हुआ है।
मुझे 14 फिल्मों से निकाला गया। मेरी फिल्मों के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन को गलत तरीके से पेश किया गया। लोगों ने इस पर पहले ध्यान नहीं दिया। यह दुर्भाग्य की बात है कि इन सब चीजों के बारे में लोगों को अहसास कराने के लिए सुशांत सिंह राजपूत को सुसाइड जैसा कदम उठाना पड़ा।'
इससे पहले शेखर सुमन भी अपने बेटे अध्ययन के डिप्रेशन की खबर कबूल कर चुके हैं। एक इंटरव्यू में शेखर ने कहा था-'सुशांत उनके बेटे की तरह था मैं उसके पिता का दर्द महसूस कर सकता हूं क्योंकि उसी की तरह मेरा बेटा अध्ययन भी डिप्रेशन में था और उसी अवस्था से गुजर चुका है। फिल्म इंडस्ट्री ने उसके लिए कई बाधाएं खड़ी की। एक बार उसने मुझसे कहा कि उसके दिमाग में आत्महत्या करने का विचार आ रहा है। उन्होंने कहा कि कहीं बेटा गलत कदम ना उठा ले इसी वजह से वो अपने बेटे को आज भी अकेला नहीं छोड़ते हैं।