होम्बले फिल्म्स की कंतारा: चैप्टर 1 को पहले से ब्लॉकबस्टर मानते हैं हॉलीवुड स्टंट डायरेक्टर टोडोर लाजारोव
Wednesday, Sep 17, 2025-03:28 PM (IST)

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। होम्बले फिल्म्स की कंतारा: चैप्टर 1 इस समय इंडियन सिनेमा की सबसे ज़्यादा सुर्खियों में रहने वाली और बेसब्री से इंतज़ार की जाने वाली फिल्मों में से एक है। बता दें कि साल 2022 में आई कंतारा ने न सिर्फ़ बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़े बल्कि सबसे बड़ी स्लीपर हिट बनकर लोगों के दिलों पर छा गई। अब उसका ये प्रीक्वल उस विरासत को आगे बढ़ाने का वादा करता है, जिससे दर्शकों की उत्सुकता और भी बढ़ गई है।
फिल्म को लेकर बेसब्री बढ़ रही है, ऐसे में हॉलीवुड स्टंट डायरेक्टर टोडोर लाज़ारोव का फिल्म से जुड़ाव चर्चा में आ गया है। टोडोर, जिन्होंने मणिकर्णिका और आरआरआर जैसी फिल्मों पर काम किया है, उन्होंने इस प्रोजेक्ट पर काम करते हुए अपने अनुभव, जुड़ाव और नजरिया शेयर किया है।
लाज़ारोव का कंतारा: चैप्टर 1 का सफर एक फोन कॉल से शुरू हुआ था। उस समय वो हैदराबाद में शूटिंग कर रहे थे, जब उन्हें सीधे कुंडापुरा बुलाया गया। वहीं, उनकी मुलाकात हुई ऋषभ शेट्टी से, जो उस समय अपने शेड्यूल में बिज़ी थे। ऐसे में एक इंटरव्यू में बात करते हुए लाज़ारोव ने कहा, “जैसे ही मैंने ऋषभ शेट्टी को देखा, मुझे उनमें एक रोशनी, साफ दिल और आत्मा दिखी। उन्होंने मुझे सिर्फ एक डायरेक्टर के तौर पर नहीं, बल्कि उस किरदार को जीने वाले एक्टर के रूप में भी क्लाइमेक्स का विज़न समझाया।
वो इतना पावरफुल था कि उसी पल मुझे लगा, ये काम मुझे करना ही है। उस समय मैं दो प्रोजेक्ट्स से जुड़ा हुआ था, लेकिन मैंने बिना सोचे-समझे उन्हें कैंसिल कर दिया। मैंने सोचा, ये मुझे ऋषभ के लिए करना ही है। वो अहसास वैसा ही था जैसे मुझे आरआरआर में राजामौली के साथ काम करते वक्त हुआ था, एक परिवार से मिलने जैसा।"
उन्होंने आगे कहा, "मैंने यह फिल्म देखी थी क्योंकि मेरी माँ इंडियन सिनेमा की बहुत बड़ी फैन थीं। बचपन में उन्होंने मुझे राज कपूर की फिल्में दिखाई थीं, इसलिए हमेशा से एक जुड़ाव रहा है। जब मैंने कंतारा' देखी, तो मैं देवता की कहानी और जिस तरह से ऋषभ ने अपने किरदार को बनाया था, उससे बहुत प्रभावित हुआ। इससे मुझे इस दुनिया और ऋषभ के 'कंतारा: चैप्टर 1' के विजन को समझने में मदद मिली।"
कंतारा: चैप्टर 1 के एक्शन के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “क्लाइमेक्स अलग है, लेकिन असली मायने किरदार को बनाना और उसके बदलाव को दिखाना है। ऋषभ साफ थे कि जैसे-जैसे एक्शन बढ़ेगा, वैसे-वैसे ड्रामा भी गहराता जाना चाहिए। इसे पूरा करने के लिए मैंने दुनिया भर से करीब दस इंटरनेशनल स्टंट फाइटर्स बुलाए और उनके साथ सैकड़ों इंडियन स्टंट परफॉर्मर्स भी जुड़े। हमने सिर्फ क्लाइमेक्स की शूटिंग में 28 दिन लगाए। ये वाकई बहुत बड़ा था।”
ऋषभ की बारीकी से बनाई गई कहानी सुनाने की कला के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, “उन्होंने मुझे पूरी कहानी का आर्क समझाया, जिससे मैं सीक्वेंस को सिर्फ स्टंट नहीं बल्कि किरदार का हिस्सा मानकर डिजाइन कर सका। ये बहुत कम देखने को मिलता है, और यही इस फिल्म को खास बनाता है।”
उन्होंने आगे कहा, “कुंडापुरा मेरे लिए नया था क्योंकि मैं पहले कभी वहां नहीं गया था। लेकिन यह कभी घर से दूर जैसा महसूस नहीं हुआ। वहां के लोगों ने माहौल को अपनापन और गर्मजोशी से भर दिया। भारत आपको जहां भी जाते हैं, वहां परिवार जैसा अहसास देता है।”
उन्होंने यह भी कहा, “मेरे लिए यह पहले से ही एक ब्लॉकबस्टर है। सिर्फ़ स्टंट्स की वजह से नहीं, बल्कि कहानी, उसकी गहराई और आत्मा की वजह से। यह फिल्म पूरी दुनिया के दर्शकों के लिए बनाई गई है। इसमें वह क्वालिटी और दिल है जो इसे इंटरनेशनल लेवल पर हर ऊँचाई तक ले जा सकता है।”
टोडोर लाज़ारोव का मानना है कि उनका जुड़ाव भारतीय सिनेमा से बेहद पर्सनल है। उन्होंने कहा, “यहाँ काम सिर्फ़ प्रोफेशनल नहीं होता, इसमें इमोशन भी जुड़ा होता है। यह पैशन है। मेरी माँ का भारतीय फिल्मों के प्रति प्यार एक तरफ़ है, लेकिन यहां जिन लोगों से मैं मिलता हूँ, डायरेक्टर्स जैसे राजामौली और ऋषभ शेट्टी, वो मुझे घर जैसा एहसास कराते हैं। यही वजह है कि मैं बार-बार यहाँ लौटकर आता हूँ।”
इसके अलावा, होम्बले फिल्म्स 2022 की इस ब्लॉकबस्टर फिल्म की विरासत को आगे ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। मेकर्स ने 'कंतारा: चैप्टर 1' के लिए नेशनल और इंटरनेशनल स्पेशलिस्ट के साथ एक बड़ा वॉर सीक्वेंस तैयार किया है, जिसमें 500 से ज़्यादा कुशल फाइटर्स और 3,000 लोग शामिल हैं। यह सीक्वेंस 25 एकड़ में फैले एक पूरे शहर में, ऊबड़-खाबड़ इलाके में 45-50 दिनों के दौरान फिल्माया गया था, जो इसे भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे बड़े सीक्वेंसेज में से एक बनाता है।
यह फिल्म 2 अक्टूबर को दुनिया भर में कन्नड़, हिंदी, तेलुगु, मलयालम, तमिल, बंगाली और अंग्रेजी भाषाओं में रिलीज होगी। यह अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़े रहते हुए भी अलग-अलग भाषाओं और क्षेत्रों के दर्शकों तक पहुँचेगी।
फिल्म 'कंताराः चैप्टर 1' के साथ, होम्बले फिल्म्स भारतीय सिनेमा की सीमाओं को आगे बढ़ा रही है। यह फिल्म लोककथाओं, आस्था और सिनेमा की शानदार कारीगरी का जश्न मनाती है।