जावेद अख्तर ने किया दिलजीत का सपोर्ट, कहा- उस गरीब को मालूम होता कि ऐसा होगा, तो वो पागल थोड़ी था जो हानिया को लेता

Sunday, Jun 29, 2025-04:52 PM (IST)

मुंबई. पंजाबी सिंगर और एक्टर दिलजीत दोसांझ अपनी फिल्म सरदार जी को लेकर विवादों में घिर गए हैं। दरअसल, उन्होंने इस फिल्म में पाकिस्तानी एक्ट्रेस हानिया आमिर के साथ काम किया है, जिसके चलते सोशल मीडिया पर उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे समय में जब भारत-पाकिस्तान के बीच संबंध संवेदनशील बने हुए हैं, तब एक पाकिस्तानी एक्ट्रेस के साथ किसी भारतीय स्टार का काम करना कई लोगों को नागवार गुजरा है। इसी बीच विवादों से घिरे दिलजीत दोसांझ को अब लिरिसिस्ट जावेद अख्तर का सपोर्ट मिला है। उनका मानना है कि अगर दिलजीत को फिल्म बनाते हुए अंदाजा होता कि हालात बिगड़ने वाले हैं, तो वो कतई पाकिस्तानी एक्ट्रेस के साथ काम नहीं करते। लेकिन अब सेंसर बोर्ड को एक हिदायत के साथ फिल्म रिलीज होने देना चाहिए।

 


हाल ही में जावेद अख्तर से दिलजीत दोसांझ के हानिया आमिर के साथ काम करने पर सवाल किया गया। साथ ही ये भी कहा गया कि उनका दावा है कि फिल्म पहले बनाई गई है। इस पर जावेद अख्तर ने दोसांझ के सपोर्ट में कहा, 'ये पिक्चर मालूम नहीं कब बनाई गई। वो क्या करे बेचारा। आगे क्या होगा, वो तो उसे नहीं पता था न। पैसा तो उसने लगाया, इसमें पाकिस्तान का पैसा तो डूबेगा नहीं। पैसा तो हमारे हिंदुस्तानी आदमी का डूब जाएगा। तो क्या फायदा है इससे।'

 

आगे उन्होंने कहा, 'अगर आज मैंने कोई नियम बनाया, तो उसे आज से 10 पहले की बात पर अप्लाई नहीं किया जा सकता। वो प्रैक्टिकल नहीं है। उस गरीब को मालूम होता कि ऐसा होने वाला है, तो वो पागल थोड़ी था जो ले लेता उस एक्ट्रेस (हानिया आमिर) को। मेरा ख्याल है कि सरकार को और सेंसर बोर्ड को इस बात को दया से देखना चाहिए। उन्हें कहना चाहिए कि तुम आइंदा मत करना, लेकिन तुमने पहले बना ली थी तो रिलीज कर लो, लेकिन अब ये दोबारा नहीं होना चाहिए।'


जावेद ने आगे कहा- 'हिंदुस्तान और पाकिस्तान अच्छे वक्त में जब ऐसे हालात ना होते मिल कर फिल्में बनाते, फिल्म में वहां के भी आर्टिस्ट होते यहां के भी होते, वहां के भी राइटर होते, यहां के भी राइटर होते। हमारे यहां टेक्नोलॉजी बहुत सुपीरियर है वो उन्हें मिलती उनके पास नहीं है ऐसी टेक्नोलॉजी, लेकिन उनके पास बेहतरीन राइटर हैं। दोनों मुल्कों के क्लीयरेंस से गवर्नमेंट के सेंसर बोर्ड के क्लीयरेंस से साइन स्क्रिप्ट होती तो उसमें जो कुछ होता वो बेहतर दोस्ती होती। मुकाबला नहीं होता आर्ट में संगत होती है। हो सकता था लेकिन अब सिचुएशन इतनी बिगड़ गई है कि इस वक्त तो सोचना भी गैर जरूरी है।'

 
 


Content Writer

suman prajapati

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