धर्म के ठेकेदारों पर बरसीं लक्ष्मी नारायण,ममता कुलकर्णी विवाद पर बोलीं-''वो इस्लाम में चलीं जाती तो..
Wednesday, Feb 12, 2025-12:53 PM (IST)
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मुंबई: 90 के दशक का बोल्ड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी को महाकुंभ में किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर नियुक्त किया गया था। वहीं विवाद के बाद सोमवार को उन्होंने महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा दे दिया। पद से इस्तीफा देने के बाद ममत कुलकर्णी ने दो टूक कहा कि 25 सालों से तपस्या कर रही हैं और 25 साल से साध्वी हूं और आगे भी साध्वी रहूंगी। ममता कुलकर्णी के इस बयान के बाद उन्हें महामंडलेश्वर पद देने वाली किन्नर अखाड़ा की मां लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी धर्म के ठेकेदारों पर जमकर बरसीं।उन्होंने कहा कि अगर वो इस्लाम में चली जाती तो धर्म के ये ठेकेदार क्या करते।
लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा- 'ममता कुलकर्णी किन्नर अखाड़ा की अंग थीं, हैं, वो और हमेशा रहेंगी मेरी उनसे लगातार बात हो रही है. यही ममता अगर इस्लाम में चली जाती तो धर्म के तथाकथित ठेकेदार तब क्या करते? इस बारे में तब कोई कुछ नहीं बोलता।'
सोमवार को ममता कुलकर्णी ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया था जिसमें उन्होंने पद से इस्तीफा देने की बात की थी। उन्होंने कहा था- 'महामंडलेश्वर बनाकर मुझे जो सम्मान दिया गया था उसको लेकर अखाड़े में विवाद शुरू हो गया था। मुझे बॉलीवुड को छोड़े 25 साल हो गए हैं. मेकअप और बॉलीवुड को छोड़ना आसान नहीं है। मैंने देखा कि मेरे महामंडलेश्वर बनाए जाने से काफी लोगों को दिक्कत हो गई। मेरे जो गुरु हैं जिनके सानिध्य में मैंने घोर तपस्या की उनके बराबर तो मुझे कोई दिखता नहीं है। मुझे किसी कैलाश या मनसरोवर जाने की जरूरत नहीं है जिन लोगों को मुझसे आपत्ति है, उनके बारे में मैं कम बोलूं तो बेहतर होगा।'
उन्होंने आगे कहा था- 'महामंडलेश्वर के रूप में मुझे जो सम्मान मिला, वह 25 साल तक तैराकी सीखने और फिर बच्चों को इसे सिखाने जैसा था,लेकिन महामंडलेश्वर के रूप में मेरी नियुक्ति के बाद जो आक्रोश हुआ। वह अनावश्यक था। मैंने 25 साल पहले बॉलीवुड छोड़ दिया और फिर मैं गायब हो गई और हर चीज से दूर हो गई। मैं जो कुछ भी करती हूं, उस पर लोगों की बहुत अधिक प्रतिक्रियाएं होती हैं।'
बता दें कि ममता कुलकर्णी को 24 जनवरी को किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर बनाया गया था.।अखाड़े की आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उनका पिंडदान और पट्टाभिषेक कराया था जिसके बाद उन्हें श्रीयामाई ममता नंद गिरी नाम दिया गया था। ज्योतिषिपीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, योग गुरू बाबा रामदेव और बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री उन्हें ये पदवी दिए जाने पर सवाल उठाए थे।मामला बढ़ा तो कार्रवाई किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास ने की थी। उन्होंने ममता और आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी पदमुक्त कर दिया था।