''महाभारत'' के ''द्रोणाचार्य'' संग हुई धोखाधड़ी, किराए पर रहने को मजबूर सुरेंद्र पाल, बीच में रह गया मुंबई में बसने का सपना
Tuesday, Oct 01, 2024-12:19 PM (IST)
बॉलीवुड तड़का टीम. मायानगरी मुंबई से एक बेहद हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है। मुंबई के मीरा रोड स्थित आरएनए कॉर्प बिल्डर के प्रोजेक्ट में 2010 में टीवी के मशहूर एक्टर सुरेंद्र पाल सिंह के अलावा फ़िल्म निर्देशक विनोद तिवारी के साथ तकरीबन 480 लोगों ने अपनी जीवन भर की कमाई लगाकर फ्लैट लेने का सपना देखा था, लेकिन 90% की पेमेंट देने के बावजूद भी लोगों उनको अपना घर नही मिल पाया है। इस प्रोजेक्ट पर सर्वोच्च न्यायालय ने 2021 में ही ब्रेक लगा दिया था और तब से ही लगातार इन 480 होम बायर्स का सपनों का घर बीच में ही लटका हुआ है। इन्ही में से एक एक्टर सुरेंद्र पाल ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपना दर्द बयां किया है।
एक प्रेस वार्ता में उपस्थित इन 480 होम बायर्स के साथ मीटिंग करने के बाद एक्टर सुरेंद्र पाल सिंह ने कहा की आज भी वे एक कमरे के मकान में रहने को मजबूर हैं। आज से 14 साल पहले ही उन्होंने 60-70 लाख रुपये इस प्रोजेक्ट में लगाकर सपनों के घर में परिवार के साथ मुंबई में बसने का सपना देखा था, लेकिन समय के साथ वो उम्मीदें भी अब टूट गईं और बच्चे भी अब तो साथ छोड़कर दूसरी जगह चले गए क्योंकि उनके सपनों का घर उन्हें नहीं मिल पाया।
सुरेंद्र पाल सिंह ने भावुक होकर कहा कि हम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के 480 होम बायर्स हैं क्योंकि उन्होंने अपने सम्बोधन में हर समय पूरे देश के 140 करोड़ देशवासियों की ही बात किया है।
उन्होंने कहा, 'अब वो ही हमारे सपनो के इस घर को वापस दिलाने में हमारी मदद कर सकते हैं क्योंकि जिस बिल्डिंग में हमने पैसा लगाया है वो लगभग 90% तक बनकर पूरी भी हो चुकी है लेकिन इसका मालिक अनुभव अग्रवाल इसी प्रोजेक्ट का 538 करोड़ रुपया अपनी दूसरी कम्पनियों में लगा चुका है। वो इस बिल्डिंग को अब अधूरा छोड़कर इसे डिफाल्टर घोषित कर विदेश भागने के चक्कर मे एकबार हवाईअड्डे से पकड़ा भी गया है और तभी से इसपर सुप्रीम कोर्ट ने भी स्टे लगा दिया है। हमारा अनुरोध अब प्रधानमंत्री जी से यही है कि हम उम्र के चौथे पड़ाव में हैं और अब यहां से हमें नाउम्मीद मत करें अन्यथा अब हम जी नहीं पाएंगे।'
उन्होंने कहा, 'दरअसल ये सभी होम बायर्स पिछले 15 वर्षों से अपने घरों के कब्जे का इंतजार कर रहे हैं। ये सभी खरीददार आरएनए कॉर्प को (अनुभव अग्रवाल) सहमत राशि का 90% भुगतान भी कर चुके हैं इसके बावजूद इतना पेमेंट करने वाले खरीदारों को भी ये अनुभव अग्रवाल फ्लैट देने में विफल रहा। इस सम्बंध में दायर एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 3 साल पहले यथास्थिति का आदेश दिया था और ये सभी होम बायर्स अब उस यथास्थिति को रद्द करने की मांग करते हैं । सर्वोच्च न्यायालय द्वारा यथास्थिति हटाए जाने के आदेश के कारण सीआईआरपी रुकी हुई है।'
उन्होंने आगे कहा, 'इन सभी होम बायर्स का मानना है कि अब मामले के लिए नियुक्त आरपी से बिना किसी देरी के इनके घरों के पजेशन को इन खरीददारों को घर सौंपने का आग्रह करते हैं। और आरएनए कॉर्प बिल्डर से देरी के लिए इन सभी पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा की भी मांग करते हैं क्योंकि हम पिछले 14 वर्षों से हमारे द्वारा सहन की गई मानसिक पीड़ा और वित्तीय कठिनाइयों के लिए यही जिम्मेवार है इसलिए इस बिल्डर को यह हर्जाना भरना ही चाहिए।'