Bad Girl में ब्राह्मण लड़की को गलत तरह से दिखाने पर मोहन जी ने जताया ऐतराज,अनुराग कश्यप और वेत्री मारन को लिया आड़े हाथ
Tuesday, Jan 28, 2025-04:11 PM (IST)
मुंबई. आगामी तमिल फिल्म बैड गर्ल (Bad Girl) रिलीज से पहले ही विवादों में घिर गई है। हाल ही में इस फिल्म का टीजर जारी किया गया, जिसे अब तक 6 लाख से अधिक व्यूज मिल चुके हैं। हालांकि, इस फिल्म के टीजर को लेकर एक बड़ा विवाद उठ खड़ा हुआ है, खासकर ब्राह्मण लड़की को जिस तरह से फिल्म में दिखाया गया है, उस पर लोगों की प्रतिक्रिया आ रही है। इस विवाद में फिल्म निर्देशक मोहन जी ने अनुराग कश्यप और वेत्री मारन पर गुस्सा जाहिर किया है।
बैड गर्ल की कहानी एक ऐसी लड़की के बारे में है, जो एक पार्टनर की तलाश करती है। काफी प्रयासों के बाद उसे एक पार्टनर मिलता है और वह इंटीमेट होने से नहीं कतराती है। इसके बाद, जब वह पकड़ी जाती है, तो उसके माता-पिता उसे कड़ी पाबंदियां लगाते हैं, जिससे वह बागी बन जाती है। यह फिल्म अपने बोल्ड और कंट्रोवर्शियल कंटेंट के लिए चर्चा में है।
ब्राह्मण लड़की को 'बैड गर्ल' के रूप में दिखाए जाने पर नाराजगी
टीजर में ब्राह्मण लड़की को 'बैड गर्ल' के रूप में दिखाए जाने पर मोहन जी ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर एक पोस्ट करते हुए लिखा, "ब्राह्मण लड़की की पर्सनल लाइफ को चित्रित करना इस कबीले के लिए हमेशा एक साहसिक और ताजा फिल्म रही है।"
Portraying a brahmin girl personal life is always a bold and refreshing film for this clan. What more can be expected from vetrimaran, Anurag kasyap & Co.. Bashing Brahmin father and mother is old and not trendy.. Try with your own caste girls and showcase it to your own family… https://t.co/XP8mtnaFws
— Mohan G Kshatriyan (@mohandreamer) January 27, 2025
उन्होंने आगे लिखा, "वेत्री मारन, अनुराग कश्यप और उनके साथियों से और क्या उम्मीद की जा सकती है? ब्राह्मण माता-पिता को कोसने की परंपरा पुरानी हो चुकी है और अब यह ट्रेंड में नहीं है। पहले अपने परिवार की लड़कियों के साथ कोशिश करें और देखिए, फिर अपनी कास्ट से यह सब दिखाएं।"
सोशल मीडिया पर फिल्म की कड़ी आलोचना की जा रही है, खासकर ब्राह्मण समुदाय के लोगों द्वारा इसे लेकर आक्रोश जताया जा रहा है। मोहन जी ने इस पर तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, ब्राह्मणों को लगातार फिल्मी स्टूडियोज में निशाना बनाने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि फिल्म उद्योग में इस तरह की छवि प्रस्तुत करने से कुछ हासिल नहीं होता और यह समाज में गलत संदेश भेजता है।