MOVIE REVIEW: हंसी-मजाक से भरपूर है फिल्म ''मित्रों''

Friday, Sep 14, 2018-12:25 PM (IST)

मुंबई: एक्टर जैकी भगनानी की फिल्म 'मित्रों' आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। इसे नितिन कक्कड़ ने डायरेक्ट किया है। मित्रों साल 2016 में आई तेलुगु फिल्म पेली छुपूलू का हिंदी वर्जन है। 

फिल्म की कहानी गुजरात के रहने वाले जय (जैकी भगनानी) की है, इसने इंजीनियरिंग की है, लेकिन पूरे दिन घर में बैठकर अजीब हरकतें करता है, जिसकी वजह से जय के घरवालों को लगता है कि जब उसकी शादी हो जाएगी तो वह जिम्मेदारियों पर ध्यान देने लगेगा और इसी चक्कर में जय के घरवाले अवनी (कृतिका कामरा) से उसकी शादी की बात करते हैं। रिश्ता लेकर उनके घर पहुंच जाते हैं। जय के साथ उसके दोनों दोस्त (प्रतीक गांधी और शिवम पारेख) हमेशा उसके साथ रहते हैं। अवनी के साथ मुलाकात के बाद कहानी में बहुत सारे मोड़ आते हैं और अंततः एक रिजल्ट आता है जिसे जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।

 

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फिल्म की कहानी अच्छी है और स्क्रीनप्ले भी बढ़िया लिखा गया है। खास तौर पर फिल्म का फर्स्ट हाफ काफी दिलचस्प है और सेकंड हाफ में कहानी में थोड़ा ठहराव आता है। फिल्मी गुजरात के फ्लेवर और वहां की जगहों को बड़े अच्छे तरीके से डायरेक्टर नितिन कक्कड़ ने दर्शाया है जिसकी वजह से विजुअल ट्रीट बढ़िया है। फिल्म का कोई भी किरदार लाउड नहीं है जो कि अच्छी बात है। फिल्म का संवाद, डायरेक्शन, सिनेमेटोग्राफी अच्छा है। कई सारे ऐसे पल भी आते हैं जिनसे एक आम इंसान और मिडिल क्लास फैमिली कनेक्ट कर सकती है। जैकी भगनानी एक तरह से अपने सर्वश्रेष्ठ अभिनय में दिखाई देते हैं वही फिल्मों में डेब्यू करती हुई कृतिका कामरा ने किरदार के हिसाब से बढ़िया काम किया है। नीरज सूद, प्रतीक गांधी, शिवम पारेख और बाकी किरदारों का काम सहज है। फिल्म के गाने कहानी के साथ-साथ चलते हैं और बैकग्राउंड स्कोर भी बढ़िया है। आतिफ असलम का गाया हुआ गाना चलते चलते और सोनू निगम का गाना भी कर्णप्रिय है, वह रिलीज से पहले कमरिया वाला गीत ट्रेंड में है जो कि देखने में भी अच्छा लगता है। एक तरह से फिल्में कहानी के साथ-साथ ड्रामा इमोशन गाने और हंसी मजाक का फ्लेवर है जो इसे संपूर्ण फिल्म बनाता है।

 

फिल्म की कमजोर कड़ी इसका सेकंड हाफ है जो कि थोड़ा धीमे चलता है इसे दुरुस्त किया जाता तो फिल्म और भी क्रिस्प हो सकती थी। कुछ ऐसी भी जगह है जहां कॉमेडी पंच बहुत जल्दी से आते हैं और निकल जाते हैं जिसकी वजह से शायद वह हंसी का पल हर एक दर्शक को समझ में भी ना आए।


Konika

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