बॉलीवुड अभिनेता प्रेम नाथ ने खलनायकी को दिया नया आयाम
Friday, Nov 02, 2018-10:27 PM (IST)

मुंबईः बॉलीवुड में प्रेम नाथ को एक ऐसे अभिनेता के तौर पर याद किया जाता है जिन्होंने नायक के रूप में फिल्म इंडस्ट्री पर राज करने के बावजूद खलनायकी को नया आयाम देकर दर्शकों के दिलों पर अपनी अमिट छाप छोड़ी। 1950 के दशक में प्रेम नाथ ने कई फिल्मों में नायक की भूमिका निभाईं और इनमें कई हिट भी रहीं लेकिन उन्हें नायिकाओं के पीछे पेड़ों के इर्द-गिर्द चक्कर लगाते हुए गाना रास नहीं आया और उन्होंने नायक की भूमिका निभाने की तमाम पेशकशों को ठुकराते हुए खलनायक की भूमिकाएं निभाने को तरजीह दी।
पेशावर में 21 नवंबर 1926 को जन्मे प्रेम नाथ को बचपन के दिनों से ही अभिनय का शौक था। देश के बंटवारे के समक्ष उनका परिवार पेशावर से मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में आ गया। पचास के दशक में उन्होंने अपने सपनों को साकार करने के लिए मुंबई का रुख किया और पृथ्वी राज कपूर के पृथ्वी थियेटर में अभिनय करने लगे। वर्ष 1948 में उन्होंने फिल्म ‘अजित’ से अपने फिल्मी जीवन की शुरूआत की लेकिन इस फिल्म से दर्शकों के बीच वह अपनी पहचान नहीं बना सके। वर्ष 1948 में राजकपूर की फिल्म आग और 1949 में बरसात की सफलता के बाद प्रेमनाथ कुछ हद तक अपनी पहचान बनाने में सफल हो गए।
वर्ष 1953 में फिल्म औरत के निर्माण के दौरान प्रेम नाथ का झुकाव अभिनेत्री बीना राय की ओर हो गया और बाद में उन्होंने उनके साथ शादी कर ली। इसके बाद उन्होंने बीना राय के साथ मिलकर फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख दिया और पी.एन. फिल्मस बैनर की स्थापना की। इस बैनर के तले उन्होंने शगूफा, प्रिजनर ऑफ गोलकुंडा, समुंदर और वतन जैसी फिल्मों का निर्माण किया लेकिन इनमें से कोई भी फिल्म बॉक्स आफिस पर सफल नहीं हुई जिससे उन्हें आर्थिक क्षति हुई। इसके बाद प्रेमनाथ ने फिल्म निर्माण से तौबा कर ली और अपना ध्यान अभिनय की ओर लगाना शुरू कर दिया।
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