44 साल बाद फिर सिनेमाघरों में दिखेगी रेखा की नजाकत और मोहबत की कहानी, इस दिन पर्दे पर Re-release होगी ‘उमराव जान’
Tuesday, Jun 03, 2025-12:24 PM (IST)

मुंबई. बॉलीवुड की कई हिट और यादगार फिल्में फिर से सिनेमाघरों में रिलीज की जा रही हैं। इसी कड़ी में रेखा की सुपरहिट फिल्म ‘उमराव जान’ भी फिर से पर्दे पर रिलीज होगी। मिर्जा हादी रुसवा के उपन्यास पर बनी मुजफ्फर अली के निर्देशन वाली यह फिल्म 27 जून को सिनेमाघरों में री-रिलीज होगी। 44 साल पहले रिलीज हुई रेखा की इस फिल्म को उस वक्त दर्शकों का खूब प्यार मिला था, वहीं अब इस दोबारा पर्दे पर देखने के लिए फैंस एक बार फिर से एक्साइटेड हो गए हैं।
फिल्म ‘उमराव जान’ को नेशनल फिल्म आर्काइव ऑफ इंडिया और नेशनल फिल्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने मिलकर रिवाइव किया है।फिल्म की री-रिलीज की घोषणा पीवीआर ने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए की है। अपनी पोस्ट में पीवीआर ने लिखा- नजाकत, मोहब्बत और अमर संगीत की कहानी। देखिए उमराव जान एक बार फिर, शानदार 4के फील के साथ। एक सिनेमाई हीरा जिसे फिर एक बार तराशा गया है।
वहीं, फिल्म की री-रिलीज को लेकर रेखा ने कहा, उमराव जान में मैंने अभिनय भले किया हो, पर वह मेरे भीतर रहती है, मेरे जरिए आज भी सांस लेती है। जब ये फिल्म बनी उस समय, हममें से कोई भी इस फिल्म के समय और काल से परे हो जाने की कल्पना भी नहीं कर सकता था। किसे पता था कि ये फिल्म भारतीय सिनेमा की आत्मा में धीरे-धीरे खुद को उकेर लेगी। इसे बड़े पर्दे पर वापस आते देखना ऐसा है जैसे किसी पुराने प्रेम पत्र को नई पीढ़ी द्वारा खोला जा रहा हो। ये बात करते समय मेरा दिल भर आया है।”
निर्देशक मुजफ्फर अली ने कहा, उमराव जान फिल्म एक खोई हुई संस्कृति, एक भूली हुई तहजीब की आत्मा की यात्रा थी। हमने उस युग की भव्यता को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया है, जहां प्रेम और लालसा को लोग कविता में बोलते थे। मेरे पास ऐसे अभिनेता थे जिन्होंने अपने किरदारों में बहुत दम दिखाया, और फिर रेखा थीं, जिन्होंने उमराव जान को जिया और वास्तव में इसे अमर बना दिया। मैं रोमांचित हूं यह सोचकर कि यह फिल्म एक नई पीढ़ी के लिए बड़े पर्दे पर वापस आ रही है।
बता दें, साल 1981 में रिलीज हुई उमराव जान में रेखा के साथ फारूख शेख,नसीरउद्दीन साह और राज बब्बर ने अहम भूमिका निभाई थी। इस फिल्म के लिए रेखा को सर्वश्रेष्ठ एक्ट्रेस का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। मिर्जा हादी रुसवा के 1899 में प्रकाशित उपन्यास पर बनी इस फिल्म का निर्देशन मुजफ्फर अली ने किया है।