कंगना की ''इमरजेंसी'' के सपोर्ट में आए सनोज मिश्रा, कहा-फिल्म यदि समाज का आइना तो लोग इसमें अपनी शक्ल क्यों नही..
Friday, Sep 27, 2024-05:48 PM (IST)
बॉलीवुड तड़का टीम. एक्ट्रेस कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी 6 सितंबर को रिलीज होते होते टल गई। फिल्म के हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच पिछले दिनों एक्ट्रेस ने इंडस्ट्री से स्टार्स का सपोर्ट न मिलने पर नाराजगी जताई थी। इसी बीच अब निर्देशक सनोज मिश्रा ने कंगना रनौत की अपकमिंग फिल्म इमरजेंसी का सपोर्ट किया है।
फिल्म द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल से चर्चा में आये निर्देशक सनोज मिश्रा ने इमरजेंसी के समर्थन में बोलते हुए देश के अंदर इस फ़िल्म का विरोध करने वालों पर हमला बोला है।
सनोज मिश्रा ने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा, फिल्म यदि समाज का आइना है तो इस आईने में लोग अपनी शक्ल क्यों नही देखना पसंद करते या फिर ये सिर्फ एक घिसा पिटा जुमला है? आज की युवा पीढ़ी पिज्जा बर्गर और बीयर बार वालों को नहीं पता होगा कि कांग्रेस ने अपनी तानाशाही के लिए देश में आपातकाल लगाया था। देश में हुई उस भयँकर त्रासदी को भुलाया नही जा सकता ! लेकिन जब वहीं कंगना रनौत जी उस त्रासदी के ऊपर फिल्म लेकर आ जाती है तो गटर छाप वामपंथी और खुद को धर्मनिरपेक्ष कहने वाले कीड़े बिलबिलाने लगते है।
सनोज मिश्रा ने कहा, कंगना रनौत जी वास्तव में आयरन लेडी हैं उनका जीवन हमेशा बेबाक रहा है चाहे वो फिल्म इंडस्ट्री हो या राजनीति उन्होंने हमेशा लीक से हटकर अपनी पहचान बनाई है, जो इस देश की महिलाओं के लिए एक मिसाल है । इस इंडस्ट्री मे करीना बनना आसान है लेकिन कंगना बनने के लिए अंगारों पर चलना होता है। मैं सैल्यूट करता हूं उनकी हिम्मत को जो उन्होंने किसी माफिया, किसी भ्रष्ट राजनेता के सामने हार नही मानी और निडर होकर अपना रास्ता बनाया है। आज उसी निडरता से उन्होंने फिल्म इमरजेंसी का निर्माण किया है जिसके लिए उन्होंने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया, कंगना जी के इस दर्द और तकलीफ को मुझसे बेहतर और कौन समझ सकता है मित्रों ?
बता दें, कंगना रनौत की फ़िल्म इमरजेंसी को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है। इस फ़िल्म की कहानी वर्ष 1975 में लगे इमरजेंसी और उसके दुष्परिणामों पर आधारित है। इस फ़िल्म की पृष्ठभूमि को लेकर कुछ लोग इस फ़िल्म को बैन करने की मांग कर रहे हैं, जबकि कंगना रनौत की टीम का कहना है कि हमने तो एक सत्य घटना पर आधारित फिल्म बनाई है इसमें किसी को आपत्ति ही नहीं होनी चाहिए।