Axiom-4 Space Mission:देशभक्ति और जोश से भरा..स्पेस जाने से पहले ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने सुना ऋतिक रोशन का गाना
Wednesday, Jun 25, 2025-02:26 PM (IST)

मुंबई: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 25 जून यानी आज इतिहास रच दिया है। शुक्ला ने एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्सके फाल्कन-9 रॉकेट से Asiom-4 Mission के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए उड़ान भरी। राकेश शर्मा के बाद वो पहले भारतीय हैं जो स्पेस स्टेशन जा रहे हैं। शुभांशु शुक्ला उड़ान भरने के लिए जब अमेरिका के फ्लोरिडा में कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड 39-A की तरफ जा रहे थे तो एक खास गाना सुन रहे थे। शुभांशु शुक्ला के इस फेवरेट गाने के बारे जानते ही आपके मन में भी देशभक्ति उमड़ पड़ेगी और आप भी जोश में कह उठेंगे 'जय हिंद'।
फाइटर पायलट, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को ऋतिक रोशन की 2024 में आई फिल्म फाइटर का का 'वंदे मातरम' गाना सबसे ज्यादा पसंद है। ये फिल्म इंडियन एयरफोर्स और देशभक्ति से भरी थी। वहीं फिल्म के 'वंदे मातरम' गाने को ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड 39-ए की ओर जाते समय सुना था ताकि वे अपनी पहली अंतरिक्ष उड़ान के लिए फाल्कन-9 रॉकेट पर सवार हो सकें।
'फाइटर' के 'वंदे मातरम' गाने के बोल
'वंदे मातरम' गाने के लिरिक्स रगों में देशभक्ति का जज्बा भर देते हैं। गाने के बोल ये हैं- 'वंदे मातरम, वंदे मातरमस वंदे मातरम, वंदे मातरम, ख्वाब नहीं, एक जश्न है भारत, रग-रग में है जीत की आदत, ऐसा हुनर दुश्मन भी सलामी दे।' 'वंदे मातरम' (फाइटर एंथम) सॉन्ग को विशाल ददलानी और अन्य लोगों ने गाया है। इसके ओरिजनल बोल बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा लिखे गए हैं और कुमार द्वारा रीमिक्स बोल हैं।
नासा में एक पुरानी परंपरा है कि जब अंतरिक्ष यात्री अपने मिशन के लिए लॉन्च पैड पर जाते हैं तो वे अपने परिवार को अलविदा कहने के बाद अपना फेवरेट म्यूजिक सुनते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक अंतरिक्ष यात्री अक्सर रिलैक्स और फोकस करने के लिए रॉकेट में लॉन्च करने से पहले म्यूजिक बजाते हैं। म्यूजिक स्ट्रेस को मैनेज करने का एक पावरफुल टूल हो सकता है खासकर स्पेस ट्रैवल के हाई प्रेशर वाले वातावरण में यह पृथ्वी और अपनों से जुड़ने का एक तरीका भी है।
कौन हैं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला
भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टल शुभांशु शुक्ला फाइटर जेट पायलट हैं जिनके पास 2,000 घंटे से ज्यादा का फ्लाइंग अनुभव है। उन्होंने सुखोई Su-30 MKI, MIG-21, MIG-29, Jaguar, Haw, Dornier और An-32 समेत कई अलग-अलग तरह के विमान उड़ाने का अनुभव हासिल किया है। लखनऊ में जन्मे शुभांशु भारत के महत्वाकांक्षी Gaganyaan Mission का हिस्सा हैं। वे गगनयान मिशन पर चुने गए भारतीय वायुसेना के चार फाइटर पायलट में सबसे कम उम्र के हैं। नेशनल डिफेंस एकेडमी (National Defence Academy) के एल्युमनी शुभांशु ने साल 2006 में भारतीय वायुसेना एक फाइटर पॉयलट के तौर पर जॉइन की थी।