20 महीने की बच्ची की मदद के लिए ''जेठालाल'' ने बढ़ाया मदद का हाथ, ''भिड़े मास्टर'' ने भी लोगों से की ये खास अपील

Tuesday, Jul 20, 2021-08:37 AM (IST)

मुंबई: पाॅपुलर टीवी शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' के जेठालाल यानि एक्टर दिलीप जोशी ने हाल ही में  20 महीने की बच्ची के लिए मदद का हाथ बढ़ाया। 20 महीने की बच्ची का नाम श्रव्या है।

PunjabKesari

 

श्रव्या एसएमए टाइप ए नामक बीमारी से लड़ रही है।  ट्वीट में दिलीप जोशी ने अपने को-स्टार  मंदार चांदवड़कर (भिड़े मास्टर) ने कुछ दिन पहले पोस्ट किए हुए वीडियो के लिंक को शेयर किया है। इसके साथ उन्होंने लिखा-'आइए हम सब एक साथ आएं और मदद करें।'

PunjabKesari

वीडियो में भिड़े का किरदार निभाने वाले मंदार ने कहा-'इस बीमारी के लिए एक 15 दिन के ट्रीटमेंट की जरुरत होती है। इस ट्रीटमेंट के लिए जो ड्रग्स मंगाया जाता है, वो अमेरिका में मिलता है और उसकी कीमत है 16 करोड़ रुपए।

PunjabKesari

यह रकम आम परिवार के लिए काफी बड़ी है और इस वजह से श्रव्या के माता पिता इतने पैसे इकठ्ठा नहीं कर पा रहे है। मंदार कहते हैं, यह रकम काफी बड़ी है और इसलिए मैं आपसे यह अपील करना चाहता हूं कि आपसे जीतनी हो पाएं मदद कीजिए। कोई भी मदद छोटी नहीं होती। हम सभी कोशिश कर रहे है। उन्होंने यह भी कहा था कि वो चाहते है यह रकम 15 जुलाई से पहले इकठ्ठा हो।'

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

A post shared by Mandar Chandwadkar (@realmandarchandwadkar)

 

36 लाख रुपए हुए इकट्ठे

हालांकि अभी 15 जुलाई को 4 दिन बीत गए है और अभी भी श्रव्या के लिए 16 करोड़ की रकम इकठ्ठा नहीं हो पाईं है। 16 करोड़ में से अब तक केवल 36 लाख रुपए कंट्रीब्यूशन हो पाया है और इसलिए अब खुद दिलीप जोशी इस बारें में ट्वीट कर रहे है क्योंकि उनके ट्वीट करने से उम्मीद की जा रही है कि ज्यादातर लोग नन्ही श्रव्या की मदद के आगे आ सकते है।

 

क्या है  स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी 

स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी ) एक अनुवांशिक बीमारी है जो नसों और मांसपेशियों को प्रभावित करती है, जिससे मांसपेशियां तेजी से कमजोर होती जाती हैं। यह बीमारी ज्यादातर शिशुओं और बच्चों को होती है। एसएमए में बीमारी के प्रकार के आधार पर लक्षण और रोग का निदान होता है। एसएमए वाले लगभग 60% पेशेंट्स में टाइप 1 होता है.  लक्षण जन्म के समय या शिशु के जीवन के पहले 6 महीनों के भीतर दिखाई देते हैं। टाइप 1 एसएमए वाले शिशुओं को निगलने और चूसने में कठिनाई होती है। टाइप 1 एसएमए  अधिकांश बच्चे अपने दूसरे जन्मदिन से पहले मर जाते हैं। 


Content Writer

Smita Sharma

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Related News