Oscar Winner 2023: क्या है ''नाटू-नाटू'' का मतलब? गाने को बनाने में लगी थी इतनी कड़ी मेहनत

Monday, Mar 13, 2023-12:48 PM (IST)

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। भारत के लिए आज का दिन काफी ऐतिहासिक है। आरआरआर के नाटू नाटू गाने को  बेस्ट ऑरिजनल सॉन्ग का अवार्ड अपने नाम किया है। इस पल को हर भारतीय एंजॉय कर रहा है और अपने आप को गदगद महसूस कर रहा हैं। लेकिन क्या आप जानते है, इस शानदार गाने को बनाने में कितनी मेहनत लगी है और नाटू-नाटू का मतलब क्या है? तो चलिए जानते हैं, इस शानदार गाने को बनाने में आखिर कितनी कड़ी मेहनत लगी है। 

 

नाटू-नाटू के स्टेप के लिए 18 बार लिया रिटेक
नाटू-नाटू ऑस्कर जीतने के साथ ही एक ऐतिहासिक गाना बन गया है। जिसे हमेशा याद रखा जाएगा। इस गाने का म्यूजिक और डांस इतना जबरदस्त है कि कोई भी इस पर झूमने को मजबूर हो जाएगा। गाने को बनाने में बहुत मेहनत भी की गई है। करीब 18 टेक के बाद इसके सिग्नेचर स्टेप को फाइनल किया गया। नाटू-नाटू को प्रेम रक्षित ने  कोरियोग्राफ किया है। उन्होंने इस स्टेप्स को डेवलेप करने के लिए कड़ी मेहनत की और जूनियर एनटीआर-राचरण को सिखाया। 

एक इंटरव्यू में राम चरण ने गाने के बारे में बात करते हुए बताया था कि कैसे उन्होंने इस फिल्माया। एक्टर ने बताया कि स्टेप्स देखने में बहुत मुश्किल लगता है, लेकिन आसान था, पर इन्होंने इसे मुश्किल बनाया (माजाकिया अंदादा में)। जूनियर एनटीआर ने बताया था कि इस स्टेप को सही से पूरा करने के लिए राम चरण और उन्हें खूब नचाया गया था। करीब 18 बार इस स्टेप का रिटेक हुआ था। 18वें बार जाकर वह फाइनल किया गया था। लेकिन इसके बाग भी मॉनिटर स्क्रीन पर नजरे गड़ा कर राम और मेरी डासिंग में सिंक ढंढूा जाता था।

नाटू-नाटू का मतबल क्या है?
इस गाने में नाटू-नाटू शब्द कई बार सुनाई देता है। इसका मतलब होता है 'नाचना'। ऐसे में इस गाने का हिंदी वर्जन नाचो-नाचो से पॉपुलर हुआ था। जिसे कई भाषाओं में सुना गया है। जिसमें कन्नड़ भाषा में 'हल्ली नातु', मलयालम में 'करेंन्थॉल', तमिल में 'नट्टू कूथु' है। बता दें कि, पहले से ही तय था कि ये गाना फिल्म के बीच एक बहुत ही अहम रोल प्ले कर करता है। ऐसे में जिन जिन भाषाओं में फिल्म रिलीज की गई, गाना भी उतनी ही भाषाओं में सेम रिदम और ताल के साथ बनाया गया।

इतने महीनों में लिखा गया था नाटू-नाटू
नाटू-नाटू के गीतकार ने गोल्डन ग्लोब जीतने के बाद बताया था कि, इस गाने को लिखने में उन्हें करीब 19 महीने का लंबा समय लगा था। उन्होंने बताया कि- "मैंने करीब 90 प्रतिशत गाना तो आधे दिन में लिख लिया था लेकिन बाकी दस प्रतिशत गीत को लिखने में मुझे 19 महीने यानी एक पूरा साल और सात महीने का लंबा समय लगा।"

बता दें कि, इससे पहले नाटू-नाटू गोल्डन ग्लोब अवार्ड और क्रिटिक्स च्वाइस अवार्ड भी अपने नाम कर चुका है। वहीं, अब ऑस्कर जीत राजामौली ने इतिहास रच दिया है। भारत  के लिए ये पल काफी गौरव से भरा हुआ है। 


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kahkasha

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