अजय के पिता की जलती चिता को निहारते रहे बिग बी, अजय को गले लगा यूं दिया हौंसला
Wednesday, May 29, 2019-05:18 PM (IST)

मुंबई: बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन के पिता वीरू देवगन का 27 मई को हार्ट अटैक से निधन हो गया है। वीरू के निधन से पूरी फिल्म इंडस्ट्री सदमे में हैं। वीरू देवगन के अंतिम संस्कार में बच्चन परिवार समेत बॉलीवुड के कई स्टार्स पहुंचे थे। हाल ही में अब अजय के पिता के अतिंम संस्कार की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं।
इन तस्वीरों में अमिताभ वीरू देवगन के पार्थिव शरीर को अग्नि देने के बाद उनको वहीं बैठ निहारते नजर आ रहे हैं। वहीं, अजय भी उनके साथ बैठे हुए दिख रहे हैं। इतना ही नहीं वीरू के अंतिम संस्कार के बाद अमिताभ ने अजय को गले लगाकर संभाला। दरअसल, अमिताभ बच्चन और वीरू देवगन अच्छे दोस्त थे।
इतना ही नहीं बिग बी ने वीरू देवगन के लिए एक ब्लॉग भी लिखा है, जिसमें उन्होंने वीरू के साथ अपनी पहली मुलाकात को याद किया। अमिताभ ने लिखा- मैं उनसे पहली बार राजस्थान के एक छोटे से गांव पोशीना में मिला था। मुझे याद है मेरी फिल्म रेशमा और शेरा की। जब खन्ना साहेब (वीरू देवगन) डमी के साथ एक्शन सीन का रिहर्सल कर रहे थे। सीन में सुनील दत्त साहब फिल्म के लीड हीरो थे, जिन्हें गांव के निगेटिव किरदार से पिटना था। वो लीडिंग मैन की तरह सीन को कर रहे थे। मुझे अच्छी तरह याद है, रेत में शूटिंग के दौरान खन्ना साहब कितने दर्द में शूटिंग कर रहे थे।
उनके चेहरे का वो दर्द याद है, लेकिन वो लगातर डमी के साथ सीन रिहर्सल पूरे परफेक्शन के साथ कर रहे थे।फिर एक दिन हमने उन्हें (वीरू देवगन) खो दिया। वीरू देवगन बहुत ही शानदार एक्शन डायरेक्टर रहे, जिन्होंने एक्शन में नए नए तरह का इनोवेशन किए। वीरू जी ने इंडस्ट्री को ग्रूम किया, नया परफेक्शन दिया। उनका सबसे फाइन टैलेंट है- अजय देवगन। हमने कई फिल्मों में साथ काम किया। मेरी ज्यादातर फिल्मों में उन्होंने एक्शन सीन किए। वीरू पंजाब से थे, सेट पर मेरा वेलकम भी वो उसी अंदाज में करते थे । मुझे अमिताभ सिंघया कहकर बुलाते थे।
उन्होंने लिखा, वीरू की मौत मेरे लिए एक सदमे की तरह है। जब मुझे ये खबर मिली, उस वक्त 'चेहरे' की शूटिंग कर रहा था । मैंने काम रोक दिया । पूरी टीम ने उनके सम्मान के लिए दो मिनट का मौन रखा। काम खत्म होने के बाद उनके अंतिम संस्कार में गया । वहां पहुंचकर सारी चीजें घूमने लगीं, कैसे वो काम करते थे । वक्त कैसे बीत जाता है... जो कभी वापस नहीं आता। बस रह जाती हैं यादें।