हिना खान का जन्मदिन: बीमारी नहीं, हौसले ने लिखा नई जिंदगी का चैप्टर
Thursday, Oct 02, 2025-10:43 AM (IST)

बॉलीवुड डेस्क: टीवी की मशहूर अदाकारा हिना खान आज अपना 38वां जन्मदिन मना रही हैं। एक समय था जब वो ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ की सीधी-सादी अक्षरा के किरदार से दर्शकों के दिलों में छा गईं, और आज वो एक ऐसी महिला बन चुकी हैं, जिन्होंने ना सिर्फ अपनी पहचान बनाई, बल्कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लड़कर जिंदगी को नए मायने दिए।
जब जिंदगी ने लिया यू-टर्न: स्टेज 3 कैंसर की खबर
हिना खान ने इस साल की शुरुआत में खुलासा किया था कि उन्हें ब्रेस्ट कैंसर है, वो भी स्टेज 3 का। इस खबर ने ना सिर्फ उनके फैंस, बल्कि पूरे टीवी इंडस्ट्री को हिला कर रख दिया। ऐसे समय में जब कोई भी इंसान टूट सकता है, हिना ने डर के आगे झुकने की बजाय जंग लड़ने का फैसला लिया।
फालूदा बना जिंदगी का टर्निंग पॉइंट
हिना ने एक इंटरव्यू में बताया कि कैंसर की रिपोर्ट मिलने की रात वो अपने परिवार के साथ डिनर कर रही थीं। तभी डिलीवरी बॉय फालूदा आइसक्रीम लेकर आया, जो उन्होंने पहले ही ऑर्डर कर रखी थी। रिपोर्ट देखते ही एक पल को सब शांत हो गया, लेकिन फालूदा देखकर उनके मन में ख्याल आया—"घर में मीठा आया है!" इस छोटे से पल ने उन्हें अंदर से हिम्मत दी। उन्होंने फैसला किया कि वो इस लड़ाई को हारेंगी नहीं। अगले ही दिन से उन्होंने कैंसर के खिलाफ अपना युद्ध शुरू कर दिया।
कीमोथेरेपी की तकलीफ: लेकिन मुस्कुराहट कायम रही
कैंसर का इलाज जितना शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण होता है, उतना ही मानसिक रूप से भी। हिना ने बताया कि कीमोथेरेपी के दौरान उन्हें बाल झड़ने, कमजोरी, और मानसिक तनाव जैसे कठिन दौर से गुजरना पड़ा। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपने सपनों और प्रोफेशन को छोड़ा नहीं। इलाज के बीच उन्होंने रैंप वॉक तक किया। कमजोरी में भी मुस्कराते हुए दुनिया को दिखाया कि बीमारी से लड़ने का असली मतलब क्या होता है।
प्यार और साथ: रॉकी बने ताकत
इस मुश्किल समय में रॉकी जायसवाल ने हिना का हर कदम पर साथ दिया। हिना ने बताया कि रॉकी की मौजूदगी ने उन्हें कभी अकेला महसूस नहीं होने दिया। कैंसर से जंग जीतने के बाद दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली, और एक नई जिंदगी की शुरुआत की।
‘शेरनी’ बना फैंस का नया नाम
आज हिना खान कैंसर फ्री हैं। उन्होंने ना सिर्फ बीमारी को हराया, बल्कि लाखों लोगों के लिए प्रेरणा भी बन गईं। फैंस ने उन्हें ‘शेरनी’ का नाम दिया है — एक ऐसी महिला, जिसने दर्द में भी मुस्कुराना नहीं छोड़ा और जिंदगी से लड़ना सिखाया।