भारत को समझने के लिए 100 साल बाद बॉलीवुड फिल्में देखी जाएंगी तो यह एक त्रासदी होगी: KLF में बोले नसीरुद्दीन शाह

Friday, Jan 24, 2025-03:44 PM (IST)

 मुंबई. नसीरुद्दीन शाह बॉलीवुड इंडस्ट्री के मंझे हुए एक्टर हैं। उन्होंने कई हिंदी फिल्मों में अपनी एक्टिंग से लोगों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी है। अब हाल ही में एक्टर ने कहा कि उनका मानना है कि सिनेमा का सबसे महत्वपूर्ण कार्य अपने समय का रिकार्ड रखना है लेकिन उन्हें चिंता है कि अगर भविष्य की पीढ़ियां आज के भारत को समझने के लिए बॉलीवुड फिल्मों को देखेंगी तो यह एक बड़ी त्रासदी होगी। 

 

नसीरुद्दीन शाह ने हाल ही में केरल साहित्य महोत्सव (केएलएफ) के आठवें संस्करण में कहा, “मुझे लगता है कि गंभीर सिनेमा का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य दुनिया में बदलाव लाना नहीं है। मुझे नहीं लगता कि एक फिल्म देखने के बाद किसी की सोच बदल जाती है, चाहे वह कितनी भी शानदार क्यों न हो। हां, इससे आपको कुछ सवाल उठाने में मदद मिल सकती है। लेकिन मेरे विचार से सिनेमा का सबसे महत्वपूर्ण कार्य अपने समय का रिकॉर्ड रखना है। ” 

उन्होंने कहा, “ये फिल्में 100 साल बाद देखी जाएंगी और अगर 100 साल बाद लोग जानना चाहेंगे कि 2025 का भारत कैसा था और उन्हें कोई बॉलीवुड फिल्म मिल जाए, तो मुझे लगता है कि यह एक बड़ी त्रासदी होगी।” 


शाह ने कहा कि सच्चाई को दर्शाने का प्रयास करने वाली फिल्मों को अक्सर प्रतिबंध का सामना करना पड़ता है या दर्शक पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है, क्योंकि उनमें फिल्मों को सफल बनाने वाले व्यावसायिक तत्वों की कमी होती है।


नसीरुद्दीन शाह 'निशांत', 'आक्रोश', 'स्पर्श' और 'मासूम' जैसी फिल्मों में अपने दमदार अभिनय से लोगों का दिल जीत चुके हैं।  


Content Writer

suman prajapati

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