आवारा कुत्तों को लेकर SC के नए फैसले का रवीना टंडन ने किया स्वागत, कहा-समझदारी की जीत हुई

Monday, Aug 25, 2025-10:50 AM (IST)

मुंबई. जैसे कई एनिमल लवर्स इस बात से राहत महसूस कर रहे हैं, वैसे ही एक्ट्रेस रवीना टंडन ने भी सुप्रीम कोर्ट के उस संशोधित आदेश का स्वागत किया है जिसमें पहले एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) से आवारा कुत्तों को स्थायी रूप से हटाने की बात कही गई थी। कोर्ट के नए निर्णय में पहले के निर्देशों में बदलाव किया गया है, जिससे पशु-कल्याण कार्यकर्ताओं और जानवरों के समर्थकों ने राहत की सांस ली है।

 

रवीना ने सोशल मीडिया के ज़रिए अपनी खुशी ज़ाहिर करते हुए लिखा, “डॉगेश भाई! तुम आगे बढ़ो! हम तुम्हारे साथ हैं! समझदारी की जीत हुई है। धन्यवाद #cji #supremecourt. अब यह सुनिश्चित करें कि टीकाकरण और नसबंदी के लिए जो कार्यक्रम और फंड तय किए गए हैं, उनका सही ढंग से पालन और क्रियान्वयन हो।”

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पशु कल्याण की पुरानी समर्थक रहीं रवीना मानती हैं कि असल समस्या केवल आवारा जानवरों की नहीं है, बल्कि समाज में धीरे-धीरे कम होती संवेदनशीलता और सहानुभूति की है। एक बातचीत में उन्होंने कहा, “हमारे समाज से करुणा जैसे गायब होती जा रही है। और आज की दुनिया में इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है। लोगों का आवारा जानवरों को खाना खिलाना अच्छा कदम है, लेकिन उससे कहीं ज़रूरी है उनकी नसबंदी। अगर लोग वास्तव में मदद करना चाहते हैं, तो सिर्फ खाना देने से आगे बढ़कर नसबंदी कार्यक्रमों में दान करें।”

रवीना कहती हैं कि अक्सर लोग आवारा कुत्तों के व्यवहार को ठीक से नहीं समझते। उन्होंने कहा- जब आसपास गंदगी रहती है, तो आवारा कुत्ते झुंड बनाना शुरू कर देते हैं। ऐसे में वे आक्रामक हो सकते हैं। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वे स्वभाव से खतरनाक हैं। असल में हम ही अपने पर्यावरण को सही से नहीं संभालते। ज़रूरत है ज़्यादा जागरूकता की, सख्त क़ानूनों की और बेहतर क्रियान्वयन की, ताकि इन बेजुबानों की सुरक्षा हो सके।”

रवीना का पशुओं के प्रति प्रेम केवल सामाजिक कामों तक सीमित नहीं है, बल्कि उनके अपने घर में भी जानवर परिवार का अभिन्न हिस्सा हैं। उन्होंने बताया कि उनके घर में हर दिन की शुरुआत कैसे होती है: “हर सुबह मेरे पति अनिल थडानी चाय के साथ बैठते हैं और हमारे कुत्तों को एक-एक करके बिस्किट खिलाते हैं। हमारा घर हमेशा हलचल से भरा रहता है, लेकिन वहीं एक अजीब सा सुकून भी होता है। हमारे जानवर हमारे तनाव मिटाने वाले साथी हैं।”

उनके बच्चे भी पशु प्रेम में पीछे नहीं हैं। रवीना बताती हैं- “मेरे बच्चे अक्सर घर में बिल्ली के बच्चे या पिल्ले उठा लाते हैं। सच कहूं तो जानवरों से जो भावनात्मक जुड़ाव होता है, वह किसी और चीज़ से नहीं हो सकता। वे हमें ज़मीन से जोड़े रखते हैं।”
 


Content Writer

suman prajapati

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