17 की उम्र में बन गई थी प्रॉस्टिट्यूट, बॉलीवुड में एंट्री कर बदली जिंदगी

Wednesday, Mar 08, 2017-01:24 PM (IST)

मुंबई: निर्देशक शगुफ्ता रफीक को कम लोग ही जानते है। कम ही लोग जानते होंगे कि 'आशिकी 2' जैसी फिल्मों की राइटर शगुफ्ता है लेकिन उनके संघर्ष की स्टोरी बहुत ही दर्द भरी है। शगुफ्ता 17 साल की उम्र में प्रॉस्टिट्यूट बन गई थी। यह खुलासा खुद शगुफ्ता ने एक इंटरव्यू के दौरान किया। उन्होंने कहा था, "साढ़े सत्रह साल की उम्र में मैं प्रॉस्टिट्यूट बन गई थी। एक अजनबी के साथ वर्जिनिटी खोना बहुत दर्दनाक होता है। 27 साल की उम्र तक मैं एक आदमी से दूसरे आदमी के पास जाती रही।" 

सूत्रों के मुताबिक शगुफ्ता को बचपन में लोग उन्हें हरामी लड़की कहा करते थे। इस वजह से वे रोया करती थीं और अकेली रहा करती थीं। वे कहती हैं, "कई ऐसे सस्पेंस थे, जिनकी वजह से मैं क्रूर हो गई। मैंने स्कूल छोड़ दिया। मैं लोगों से लड़ती थी। इसलिए नहीं कि मैं उनसे नफरत करती थी। बल्कि इसलिए कि मुझे लगता था कि वे मुझसे नफरत कर रहे हैं। फिर मैं सोचती कि ऐसी महिला क्यों होनी चाहिए, जो अपने पति के डर से मुझे अपना भी नहीं सकती। बच्चा तो एक कुत्ता भी पैदा करता है। मैं एक जानवर की तरह थी, जिसे पैदा किया और फेंक दिया। मैंने यह मानने से इन्कार कर दिया कि अनवरी बेगम मेरी मां है। हालांकि, एक वही थीं, जो हमेशा मेरे साथ रहीं। अनवरी के दूसरे पति का नाम मोहम्मद रफीक था। यही वजह है कि मैं शगुफ्ता रफीक बन गई।"

बता दें कि शगुफ्ता 17 से 27 साल तक वे प्रॉस्टिट्यूशन में रहीं। फिर वह दुबई चली गईं लेकिन जब उनकी मां बीमार पड़ी तो उन्हें मुंबई लौटना पड़ा। 2002 में एक मुलाकात के दौरान उन्होंने महेश भट्ट से कहा कि वे लिखना चाहती हैं। मोहित सूरी की फिल्म 'कलयुग' के दो सीन लिखने के बाद उन्हें 'वो लम्हे', 'आवारापन', 'राज 2', 'जिस्म 2', 'मर्डर 2', 'राज 3' और 'आशिकी 2' जैसी फिल्मों के लिए लिखने का मौक़ा मिला। शगुफ्ता महेश भट्ट को अपने जुड़वां भाई के रूप में देखती हैं। उनके मुताबिक, उनकी और महेश भट्ट की जन्मतिथि एक ही है।


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