राज कपूर की पुण्यतिथि पर जानें उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें

Saturday, Jun 02, 2018-04:35 PM (IST)

मुंबई: बाॅलीवुड एक्टर राज कपूर ने आज के दिन दुनिया को अलविदा कहा था। राज हिंदी सिनेमा के एक ऐसे एक्टर हैं जिन्होंने पर्दे के पीछे ही नहीं बल्कि ऑन स्क्रीन भी अपनी एक्टिंग से लोगों का दिल जीत लिया था। आज उनकी पुण्यतिथि पर हम आपको उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ बातों के बारे में बताने जा रहे हैं। 

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एक डायरेक्टर के रूप में 

राज ने करीब 50 साल के अपने सफर में ऑन स्क्रीन और ऑफ स्क्रीन दोनों जगह कामयाबी की नई कहानी लिखी थी। केवल 24 साल की उम्र में उन्होंने डायरेक्शन की तरफ अपने कदम बढ़ाया। उनकी एक डायरेक्टर के तौर पर पहली फिल्म 'आग' थी।

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राज ने साल 1948 में अपना प्रोडक्शन हाउस 'आरके फिल्म्स' की स्थापना की थी।जिसके होम प्रोडक्शन के बैनर में कई फिल्में बनी,लेकिन उनके प्रोडक्शन हाउस के बैनर तले पहली हिट फिल्म 'बरसात' थी। 

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इन स्टार्स के साथ थी दोस्ती 
 

राज कपूर, दिलीप कुमार और देव आनंद की दोस्ती बॉलीवुड में काफी पाॅपुलर थी। चाहे तीनों दोस्त एक साथ किसी फिल्म में नहीं आए थे, लेकिन इनकी दोस्ती काफी गहरी थी। कहा जाता है कि फिल्म मेकर विजय आनंद ने इन तीनों को लेकर एक साथ फिल्म बनाने की सोच रहे थे लेकिन डेट की वजह से ऐसा नहीं हो सका।

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प्यार  

कहा जाता है कि राज कपूर को नरगिस के साथ पहली नजर में ही प्यार हो गया था। वह नरगिस से बेहद प्यार करते थे, लेकिन राज पहले से शादीशुदा थे और उनके बच्चे थे। इन सबके बावजूद भी राज नरगिस से कई बार कह चुके थे कि वह उनसे शादी करेंगे। 9 साल लंबे रिश्ते के बाद नरगिस को इस बात एहसास हो गया कि राज उनकी तरफ ध्यान नहीं दे रहे। जिसके बाद नरगिस ने उनके साथ अपने रिश्ते खत्म कर दिए। 

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फिल्म 'मेरा नाम जोकर' से मिली असली पहचान

बॉलीवुड में फिल्म 'मेरा नाम जोकर' को सबसे बेहतरीन फिल्म माना जाता है। यह एक  पहली ऐसी फिल्म है जिसमें एक नहीं बल्कि दो इंटरवेल हैं। यह फिल्म साढ़े चार घंटे की हैं। इस फिल्म का डायलाॅग 'द शो मस्ट गाॅ आॅन' आज भी लोगों की जुबां पर है। राज कपूर को सफेद रंग बेहद पसंद था। उनकी फिल्मों में हीरोइन चाहे एक सीन में ही लेकिन सफेद साड़ी जरूर पहनती थीं। 

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बता दें कि राज कपूर को 3 बार नेशनल अवॉर्ड, 11 फिल्म फेयर, पद्मम भूषण और दादासाहब फालके अवॉर्ड से नवाजा गया है। वह लंबे समय से अस्थमा से पीड़ित थे। जिसके चलते 2 जून 1988 को इनका निधन हो गया।


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