''इस एक्ट्रेस की पैंट में किसी ने...'', इंटरव्यू में बताई आपबीती
Monday, May 05, 2025-12:14 PM (IST)

बाॅलीवुड तड़का : टीवी और फिल्मों की जानी-मानी एक्ट्रेस गौतमी कपूर, जो अभिनेता राम कपूर की पत्नी हैं, अपनी साफ-सपाट बातों के लिए जानी जाती हैं। सोशल मीडिया पर भी वो ट्रोल्स को करारा जवाब देने से नहीं कतरातीं। हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान अपने साथ हुई बचपन की एक शर्मनाक घटना का जिक्र किया, जिसे सुनकर लोग हैरान रह गए।
मुंबई को बताया सुरक्षित, लेकिन साझा किया कड़वा अनुभव
एक इंटरव्यू के दौरान जब गौतमी कपूर से पूछा गया कि क्या उन्हें मुंबई सुरक्षित लगता है, तो उन्होंने कहा, 'मैं दिल से मुंबई की हूं, इसलिए मैं इस शहर को लेकर थोड़ा पक्षपाती हो सकती हूं। मुझे लगता है मुंबई बहुत सुरक्षित है और इसने मुझे बहुत कुछ दिया है।'
उन्होंने बताया कि बचपन से ही उन्होंने बस और ट्रेन से सफर किया है। उनके पास कोई अपनी गाड़ी नहीं थी, इसलिए वो पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ही इस्तेमाल करती थीं। लेकिन इसी सफर के दौरान उनके साथ एक अजीब घटना घटी, जिसे उन्होंने अब पहली बार सबके सामने शेयर किया है।
जब 6वीं कक्षा में थी, तब हुआ हादसा
गौतमी ने बताया कि ये घटना तब की है जब वो छठी क्लास में पढ़ती थीं। उन्होंने कहा, 'किसी आदमी ने मेरी पैंट में पीछे से हाथ डाल दिया था। मैं बहुत छोटी थी, मुझे 2-3 मिनट समझ ही नहीं आया कि ये क्या हो रहा है। डर के मारे मैं तुरंत बस से नीचे उतर गई। मुझे बहुत डर लग रहा था, मैं बार-बार सोच रही थी कि कहीं वो आदमी मेरा पीछा तो नहीं कर रहा।'
मां से बात करने में भी लग रहा था डर
गौतमी ने आगे बताया कि वो इस घटना के बारे में अपनी मां को बताने से भी डर रही थीं। 'मुझे लगा मेरी मम्मी मुझे डांटेंगी और कहेंगी कि ये मेरी गलती है। उस वक्त मैं स्कूल यूनिफॉर्म में थी और बहुत डरी हुई थी।' लेकिन जब उन्होंने अपनी मां को ये बात बताई, तो उनकी मां ने बहुत साहस भरी प्रतिक्रिया दी।
मां ने दी हिम्मत, सिखाया डर के खिलाफ खड़ा होना
गौतमी की मां ने उन्हें समझाया कि ऐसी किसी भी स्थिति में डरने की बजाय साहस दिखाना चाहिए। 'मां ने कहा- तुम्हें उस आदमी को चांटा मारना चाहिए था, या फिर उसका कॉलर पकड़ना चाहिए था। अगर कभी कोई ऐसा करे तो आवाज उठाओ, उसका हाथ पकड़ो और चिल्लाओ। जरूरत पड़े तो पेपर स्प्रे या जूता मारो, लेकिन कभी डरना मत।'
गौतमी कपूर की ये बात उन तमाम लड़कियों और महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो अपने साथ हुई घटनाओं को समाज के डर से छुपा लेती हैं। उनका ये साहसिक कदम इस बात की मिसाल है कि ऐसे मुद्दों पर खुलकर बात करनी चाहिए, ताकि और लोग भी अपने साथ हुई घटनाओं को साझा कर सकें और समाज में बदलाव आए।