''मेरा ये इरादा नहीं था..आदिवासी समुदाय पर टिप्पणी कर विवादों में घिरे विजय देवरकोंडा ने मांगी माफी, कहा-मैं पुराने समय की बात कर रहा था..

Sunday, May 04, 2025-12:48 PM (IST)

मुंबई. साउथ सुपरस्टार विजय देवरकोंडा हाल ही में अपने एक बयान को लेकर विवादों में आ गए। यह मामला उस समय तूल पकड़ गया जब उनकी एक टिप्पणी को लेकर तेलंगाना के एक वकील ने उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। मामला आदिवासी समुदाय से जुड़ा हुआ था, जिसके बाद एक्टर को सोशल मीडिया पर सफाई देनी पड़ी और उन्होंने माफी भी मांगी।

 

क्या है पूरा मामला?
दरअसल, विजय देवरकोंडा ने हैदराबाद में आयोजित एक कार्यक्रम ‘रेट्रो’ के दौरान भारत की एकता और कश्मीर समस्या पर बात करते हुए एक टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने आतंकवादियों की तुलना "500 साल पहले की जनजातियों" से कर दी। इस टिप्पणी पर आदिवासी समुदाय के कुछ सदस्यों ने आपत्ति जताई और इसे अपमानजनक बताया।


विजय ने अपनी टिप्पणी में कहा था- “कश्मीर की समस्या का हल ये है कि वहां के आतंकवादियों को पढ़ाया जाए ताकि उन्हें बहकाया न जा सके। कश्मीर भारत का हिस्सा है और वहां के लोग हमारे अपने हैं। भारत को पाकिस्तान पर हमला करने की जरूरत नहीं, वहां के लोग खुद ही अपनी सरकार से तंग आ चुके हैं। ये लोग 500 साल पहले की जनजातियों की तरह लड़ रहे हैं, जिनमें कोई समझदारी नहीं होती थी।”
 
उनके इस बयान के बाद, तेलंगाना के वकील लाल चौहान ने विजय पर आदिवासी समाज की तुलना आतंकवादियों से करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करवाई। उन्होंने कहा कि यह बयान आदिवासी समुदाय का अपमान है और इससे उनकी भावना आहत हुई है।

 

विजय देवरकोंडा की सफाई और माफी
विवाद बढ़ने के बाद विजय देवरकोंडा ने शनिवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट के ज़रिए एक लंबा चौड़ा पोस्ट शेयर किया। उन्होंने लिखा- , “मुझे पता चला है कि मेरी एक बात से कुछ लोगों को बुरा लगा है। मैं साफ कर दूं कि मेरा किसी को दुख पहुंचाने का इरादा नहीं था, खासतौर पर उन जनजातीय लोगों का, जिनका मैं बहुत सम्मान करता हूं।”
 
उन्होंने बताया कि वो उस कार्यक्रम में भारत की एकता की बात कर रहे थे। उन्होंने कहा, “मैं बस ये कह रहा था कि भारत एक है और हमें मिलकर आगे बढ़ना चाहिए। ऐसे में मैं किसी को क्यों नीचा दिखाऊंगा?”

अपने बयान को और भी स्पष्ट करते हुए विजय ने कहा- "मैं पुराने समय की बात कर रहा था, जब दुनिया भर में लोग अलग-अलग कबीलों में बंटे होते थे और आपस में लड़ते रहते थे। मेरा इरादा कभी भी भारत की वर्तमान अनुसूचित जनजातियों को लेकर टिप्पणी करने का नहीं था।"उन्होंने इस शब्द का अर्थ समझाने के लिए अंग्रेजी डिक्शनरी का भी हवाला दिया और कहा कि उनके बयान को गलत संदर्भ में लिया गया है।
 
विजय देवरकोंडा ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा: "अगर मेरी बात से किसी को दुख पहुंचा है, तो मैं दिल से माफी मांगता हूं। मेरा मकसद केवल एकता, शांति और प्रगति की बात करना था। मैं हमेशा अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल लोगों को जोड़ने के लिए करूंगा, न कि उन्हें विभाजित करने के लिए।"
 


Content Writer

suman prajapati

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