आमिर खान की करियर-टर्निंग पॉइंट और बॉलीवुड की कल्ट क्लासिक ‘रंगीला’ के पूरे हुए 30 साल
Monday, Sep 08, 2025-03:37 PM (IST)

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। फिल्म रंगीला को बड़े पर्दे पर रिलीज हुए आज 30 साल हो गए हैं। इस फिल्म का जादू आज भी उस समय की तरह ही बरकरार है। बता दें कि 1995 में आई राम गोपाल वर्मा की यह फिल्म रंगों से भरी एक अनोखी लव स्टोरी थी। इसने न सिर्फ बॉलीवुड के लुक को नहीं बदला, बल्कि कहानी कहने, म्यूज़िक और स्टारडम के मायने भी नए सिरे से लिख दिए। इस फिल्म की असली जान थे बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान, जिन्होंने अपने बेफिक्र और अनोखे अंदाज से स्क्रीन पर ऐसी छाप छोड़ी कि दर्शक आज भी उसे याद करते हैं।
आमिर खान ने मुन्ना के किरदार में, जो एक स्ट्रीट-स्मार्ट 'टपोरी' है और जिसके दिल में अनकहा प्यार भरा है, उसमें सिर्फ़ एक्टिंग नहीं की, बल्कि अपने किरदार के साथ वह आम आदमी की आवाज बन गए। जब 'मेथड एक्टिंग' इतना मशहूर नहीं था, तब भी आमिर ने अपने किरदारों में एक अलग ही सच्चाई और प्रामाणिकता भर दी। उनकी बॉडी लैंग्वेज, बोलचाल का लहजा और इमोशंस ने उनकी एक्टिंग में बारीकी की एक मिसाल बनाई थी। एक ऐसी फिल्म में जो स्टाइल और गानों से भरपूर थी, उनका जमीन से जुड़ा प्रदर्शन कहानी का एक अहम हिस्सा था।
रंगीला आमिर खान के लिए किसी फिल्म से कहीं ज्यादा था। कह सकते हैं कि यह फिल्म उस समय की कल्चरल शिफ्ट थी। उर्मिला मातोंडकर ने मिली के किरदार में एक ऐसी महिला को पेश किया जो बिना किसी समझौते के, एक औरत की महत्वाकांक्षा और आकर्षण को पेश करती है। इसके साथ ही फिल्म में ए.आर. रहमान के साउंडट्रैक ने संगीत की सीमाओं को तोड़ दिया, जिससे बॉलीवुड में एक नया म्यूजिकल दौर शुरू हुआ।
30 साल बाद भी फिल्म की खूबसूरती और उसका अंदाज वैसा ही नया सा लगता है। इसके रंग, डांस सीक्वेंस और शहरी अंदाज़ आज भी दिल में गहराई छाप छोड़े हुए हैं। ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि 90 के दौर में ये फिल्म बॉलीवुड की मॉडर्निटी को सीधा जवाब थी। इसकी छाप इसके बाद बनी कई फिल्मों में साफ देने मिली है।
आगे चलकर आमिर खान ने कई तरह के रोल और जॉनर में एक्सपेरिमेंट किए, लेकिन रंगीला उनके करियर का बड़ा टर्निंग पॉइंट बना। यही वो फिल्म थी, जिसने उन्हें एक चॉकलेट बॉय से एक सीरियस एक्टर के रूप में बदला, जो गहराई से किरदार निभा सके। आज जब हम इस कल्ट क्लासिक के 30 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, तो ये सिर्फ एक फिल्म को याद करना नहीं है, बल्कि उस कल्चरल पल को फिर से जीना है, जब सब कुछ बदल गया था, चाहे म्यूज़िक, फैशन, फिल्ममेकिंग या फिर पर्दे पर प्यार को देखने का अंदाज हो।