''स्मिता हमारी भी मां... प्रतीक ने हटाया पिता राजबब्बर का सरनेम तो भड़के सौतेले भाई आर्य बब्बर, बोले-''नाम बदल सकते हैं वजूद नहीं''
Wednesday, Mar 26, 2025-01:10 PM (IST)

मुंबई: एक्टर और राजनेता राज बब्बर और बेटे प्रतीक बब्बर के बीच अनबन की खबरें छाईं हुईं। अटकलों को तब बल मिला जब प्रतीक ने प्रिया बनर्जी से अपनी शादी में अपने पिता को आमंत्रित नहीं करने का फैसला किया। इसके अलावा प्रतीक द्वारा अपने पिता का नाम हटाकर अपनी दिवंगत मां का उपनाम अपनाने और अपना नाम बदलकर प्रतीक स्मिता पाटिल करने के फैसले ने आग में घी डालने का काम किया।
प्रतीक बब्बर ने हाल ही में दिवंगत मां स्मिता पाटिल के सम्मान में अपना सरनेम बदलकर 'प्रतीक स्मिता पाटिल' रख लिया। प्रतीक ने अपनी मां के नाम और लीगेसी से जुड़े रहने की अपनी इच्छा पर जोर दिया है, जिसका मतलब है कि वह अपने पिता के प्रभाव से दूर रहना चाहते हैं। अब इन सब पर प्रतीक के सौतेले भाई आर्य बब्बर ने अपना रिएक्शन दिया है।
प्रतीक के सरनेम बदलने पर रिएक्शन देते हुए आर्य ने कहा-'मुझे बस इतना कहना है कि स्मिता मां, हमारी भी मां हैं। और वह कौन-सा नाम रखना चाहते हैं और कौन-सा नाम नाम रखना चाहते हैं, यह उनकी चॉइस है। "कल को मैं उठके अपना नाम आर्या बब्बर से आर्या कार्लुं, या राजेश कर लूं। मैं तब भी बब्बर ही रहूंगा ना। आप अपना नाम बदल सकते हैं, वजूद नहीं। रहूंगा तो बब्बर ही हूं क्योंकि वजूद मेरा वो ही है, आप कैसे बदल सकते हो।'
आर्या अपने परिवार के व्यक्तिगत संघर्षों को लेकर मीडिया में मचे बवाल से बेपरवाह हैं। उन्होंने कहा-'हम एक परिवार हैं जो लोगों की नजरों में है तो बोला तो जाएगा ना।हम वास्तव में इसके बारे में कुछ भी नहीं कह सकते हैं या कर सकते हैं। हमें इसके बारे में ठीक होना होगा। ये चीजें इंडस्ट्री में होने का एक हिस्सा हैं। एट द एंड हम पब्लिक प्रॉपर्टी हैं।
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि पारिवारिक मुद्दों को लोगों की नजरों में उछालने के बजाय निजी रखा जाना चाहिए था तो आर्य बब्बर ने जवाब दिया-'यह ठीक है ये लाइफ का एक हिस्सा है। हम वास्तव में इसकी मदद नहीं कर सकते। ऐसी चीजों के बारे में इतना ज्यादा सोचना नहीं चाहिए। जियो और मस्त रहो।'
हाल ही में एक इंटरव्यू में प्रतीक ने कहा- 'मुझे नतीजों की परवाह नहीं है। मुझे बस इसकी परवाह है कि मैं उस नाम को सुनकर कैसा महसूस करता हूं। मुझे पूरी तरह से अपनी मां (स्मिता पाटिल), उनके नाम और उनकी लिगेसी के साथ जुड़े रहने की जरूरत है। मुझे नहीं लगता कि किसी अन्य नाम को उस विरासत को खराब करने की जरूरत है, अगर आप मेरा मतलब समझते हैं। मैं बनने का प्रयास कर रहा हूं। मैं अपनी मां की तरह बनने का प्रयास कर रहा हूं, अपने पिता की तरह नहीं।'
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