कोई हिंदू, कोई मुसलमान..पहलगाम पर करण वीर मेहरा की कविता ने कचोट दिया कलेजा,बोले-'' हमने इंसान न होने की है कसम खाई''
Thursday, Apr 24, 2025-11:44 AM (IST)

मुंबई: पहलगाम आतंकी हमले के खूनी खेल ने भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर के लोगों के दिलों को चीर कर रख दिया है। बैसरन घाटी में मंगलवार दोपहर को आतंकियों ने मजहब के नाम पर मासूम पर्यटकों पर गोली चलाई। ग्राउंड जीरो से जो नजारे सामने आए हैं, वे सभी लोगों के दिलों को छलनी कर रहे हैं।
फिल्म से लेकर टीवी सितारों ने इस कुकृत्य की जमकर निंदा की है। वहीं 'बिग बॉस 18' के विनर करण वीर मेहरा ने भी इस वीभत्स घटना के खिलाफ अपनी कविता के जरिए आवाज उठाई है। करण वीर मेहरा ने आशुतोष राणा की लिखी हिंदू-मुस्लिम पर एक खूबसूरक कविता सुनाई। करण वीर मेहरा ने एक्स और इंस्टाग्राम पर अपना एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह हिंदू-मुस्लिम संबंधों पर आशुतोष राणा की लिखी एक हिंदी कविता का पढ़ते नजर आ रहे हैं। कविता की लाइनें कुछ ऐसी हैं-
बांट दिया इस धरती को, क्या चांद-सितारों का होगा?
नदियों को कुछ नाम दिए, बहती धरों का क्या होगा?
शिव की गंगा भी पानी है, आब-ए-जमजम भी पानी है
पंडित भी पिएं मुल्ला भी पिएं, तो पानी का मजहब क्या होगा?
एक है सूरज चांद है एक, एक हवा में सांस है सबकी
तो पूछो इन फिरकापरस्तों से, क्या हवा भी नई चलाओगे?
नसलो का करें जो बटवारा, रहबर वो कौम का ढोंगी है
सवाल तो बस एक ही है, क्या अल्लाह ने मंदिर तोड़ा था या राम ने मस्जिद तोड़ी है?
बांट दिए इस धरती को
कोई हिंदू है, कोई मुसलमान, कोई सिख कोई इसाई
बस हमने इंसान न होने की है कसम खाई।
करण वीर मेहरा के इस वीडियो पर सोशल मीडिया यूजर्स खूब कमेंट कर रहे हैं।