जब दिल की बीमारी को छुपाए मधुबाला ने दी कई सुपरहिट फिल्में

Saturday, Feb 23, 2019-02:33 AM (IST)

मुंबईः बॉलीवुड में बहुत सी एक्ट्रेस हुईं, लेकिन जो दमदार एक्टिंग मधुबाला ने सिनेंमा जगत को कर दिखाई वो शायद ही किसी ने की हो। मधुबाला की खूबसूरती उनकी आंखो में झलकती थी। मधुबाला का जन्म दिल्ली में 14 फरवरी 1933 को हुआ था। उनके पिता अताउल्लाह खान दिल्ली में रिक्शा चलाया करते थे। इसी दौरान उनकी मुलाकात एक नजूमी (भविष्यवक्ता) कश्मीर वाले बाबा से हुई जिन्होंने भविष्यवाणी की कि मधुबाला बड़ी होकर बहुत शोहरत पाएगी। इस भविष्यवाणी को अताउल्लाह खान ने गंभीरता से लिया और वह मधुबाला को लेकर मुंबई आ गये। वर्ष 1942 में मधुबाला को बतौर बाल कलाकार 'बेबी मुमताज' के नाम से फिल्म बसंत में काम करने का मौका मिला। बेबी मुमताज की खूबसूरती से अभिनेत्री देविका रानी काफी अट्रैक्ट हुईं और उन्होंने उनका नाम ‘मधुबाला’ रख दिया। जिसके बाद उन्होंने मधुबाला से बॉम्बे टाकीज की फिल्म ‘ज्वार भाटा’ में दिलीप कुमार के साथ काम करने की पेशकश भी कर दी।
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पचास के दशक मे स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान मधुबाला को पता चला कि वह दिल की बीमारी से ग्रस्त हो चुकी हैं। इस दौरान उनकी कई फिल्में निर्माण के दौर में थी। मधुबाला को लगा यदि उनकी बीमारी के बारे में फिल्म इंडस्ट्री को पता चल गया तो इससे फिल्म निर्माता को नुकसान होगा। इसलिए उन्होंने यह बात किसी को नहीं बताई। उन दिनों मधुबाला के आसिफ की फिल्म 'मुगल ए आजम' की शूटिंग में व्यस्त थी। उनकी तबीयत काफी खराब रहा करती थी। मधुबाला अपनी नफासत और नजाकत को कायम रखने के लिए घर में उबले पानी के सिवाय कुछ नहीं पीती थी। उन्हें जैसमेलर के रेगिस्तान में कुंए और पोखरे का गंदा पानी तक पीना पड़ा। मधुबाला के शरीर पर असली लोहे की जंजीर भी लादी गई लेकिन उन्होंने 'उफ' तक नहीं की और फिल्म की शूटिंग जारी रखी। उनका मानना था कि ‘अनारकली’ के किरदार को निभाने का मौका बार-बार नहीं मिलता।
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वर्ष 1960 में जब 'मुगल ए आजम' रिलीज हुई तो फिल्म में मधुबाला की एक्टिंग से दर्शक हैरान हो गए। इस फिल्म के लिए मधुबाला को हालांकि सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार नहीं मिला लेकिन सिने दर्शक आज भी ऐसा मानते है कि वह उस वर्ष फिल्म फेयर पुरस्कार की हकदार थीं। साठ के दशक में मधुबाला ने फिल्मों मे काम करना काफी कम कर दिया था। 'चलती का नाम गाड़ी' और 'झुमरू' के निर्माण के दौरान ही मधुबाला किशोर कुमार के काफी करीब आ गई थीं। मधुबाला के पिता ने किशोर कुमार को सूचित किया कि वह इलाज के लिए लंदन जा रही हैं और वहां से लौटने के बाद ही उनसे शादी कर पाएगी। लेकिन मधुबाला को अहसास हुआ कि शायद लंदन में ऑपरेशन होने के बाद वह जिंदा नहीं रह पाए और यह बात उन्होंने किशोर कुमार को बताई। इसके बाद उनकी की इच्छा पूरा करने के लिए किशोर कुमार ने उनसे शादी कर ली। शादी के बाद मधुबाला की तबीयत और ज्यादा खराब रहने लगी हालांकि इस बीच उनकी पासपोर्ट, झुमरू, बॉय फ्रेंड, हाफ टिकट और शराबी जैसी कुछ फिल्में रिलीज हुईं। वर्ष 1964 में एक बार फिर से मधुबाला ने फिल्म इंडस्ट्री की ओर रूख किया। लेकिन फिल्म चालाक के पहले दिन की शूटिंग में वह बेहोश हो गईं और बाद में यह फिल्म बंद कर देनी पड़ी। अपनी दिलकश अदाओं से दर्शकों के दिलों में खास पहचान बनाने वाली मधुबाला 23 फरवरी 1969 को इस दुनिया को अलविदा कह गईं।


Pawan Insha

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