पंचतत्वों में विलीन हुए महेश बाबू के बड़े भाई रमेश,बेटे के पार्थिव शरीर के पास बैठ रोती रही बूढ़ी मां तो एक टक देखता रहा पिता

Monday, Jan 10, 2022-10:02 AM (IST)

मुंबई: तेलुगु फिल्म स्टार महेश बाबू इस समय बेहद ही मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। एक तरफ जहां महेश बाबू  कोरोना से जंग लड़ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ उनके बड़े भाई और एक्टर से निर्माता बने रमेश बाबू दुनिया को अलविदा कह गए। लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे रमेश बाबू ने 56 की उम्र में अंतिम सांस ली। 

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रमेश बाबू के पार्थिव शरीर को रविवार को सुबह 11 बजे से पद्मालय स्टूडियो में लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था और दोपहर करीब 12 बजे महाप्रस्थानम में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

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उनके अंतिम संस्कार की कुछ तस्वीरें सामने आईं हैं जो हर किसी की आंखों में आसूं ले आई। तस्वीरों में रमेश के बूढ़े बाप अपने उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई देते दिख रहे हैं।

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जहां एक बूढ़ा मां इंदिरा देवी बेटे के पार्थिव शरीर के पास बैठी हैं।वहीं पिता कृष्णा बेटे के पार्थिव शरीर को अंतिम बार एक टक निहार रहे हैं।

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 मीडिया में जो तस्वीरें निकलकर आ रही। उसके मुताबिक फिल्म स्टार कृष्णा अपने बड़े बेटे रमेश बाबू के पार्थिव शरीर को लेकर घर पहुंचे हैं। 

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बता दें कि रमेश बाबू ने अपने पिता कृष्णा की फिल्मों से एक बाल कलाकार के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी।

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बाद में उन्होंने कई फिल्मों में मुख्य भूमिका निभाई।

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रमेश बाबू ने 1974 में अल्लूरी सीतारामाराज से डेब्यू किया था। इसके अलावा उन्होंने ना इले ना स्वर्गम, अन्ना चेलेलु, चिन्नी कृष्णुडु जैसी हिट फिल्मों में काम किया है। रमेश बाबू ने कई फिल्मों में छोटे भाई महेश बाबू के साथ भी स्क्रीन को शेयर कर चुके हैं। 

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एक्टिंग में हाथ आजमाने के बाद उन्होंने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में कदम रखा और 'अर्जुन' और 'अतिथि' जैसी फिल्मों का निर्माण किया। 

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Content Writer

Smita Sharma

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