काला हिरण शिकार मामला: सैफ-नीलम,तब्बू -सोनाली की मुश्किलें बढ़ीं, 26 जुलाई को हाई कोर्ट में हाजिर हों...सलमान समेत सभी स्टार्स
Friday, May 16, 2025-04:15 PM (IST)

काला हिरण शिकार मामला: सैफ-नीलम,तब्बू -सोनाली की मुश्किलें बढ़ीं, 26 जुलाई को हाई कोर्ट में हाजिर हों...सलमान समेत सभी स्टार्स
मुंबई: बाॅलीवुड एक्टर सलमान खान से जुड़ा जोधपुर कांकाणी काला हिरण शिकार केस एक बार फिर चर्चा में आ गया है। राजस्थान हाईकोर्ट में आज इस शिकार केस पर सरकार व विश्नोई समाज और सलमान खान अपीलों पर सुनवाई हुई। बिश्नोई समाज के अधिवक्ता महिपाल बिश्नोई ने बताया कि हाई कोर्ट जस्टिस मनोज गर्ग की कोर्ट में आज इस केस की सुनवाई हुई सभी अपीलों को संयुक्त सूची बध कर बहस के लिए 26 जुलाई को रखी गई है।
यह सुनवाई सरकार द्वारा दायर की गई लीव टू अपील पर हुई, जो अभिनेता सैफ अली खान, अभिनेत्री नीलम, तब्बू और सोनाली बेंद्रे को निचली अदालत द्वारा बरी किए जाने के खिलाफ दायर की गई थी जिस पर आज हाईकोर्ट जस्टिस मनोज गर्ग की कोर्ट में सुनवाई हुई।
मामले की सुनवाई जस्टिस मनोज कुमार गर्ग की एकल पीठ में हुई। सुनवाई के दौरान वकीलों ने कोर्ट के समक्ष यह मांग रखी कि सलमान खान को सजा सुनाए जाने के फैसले के खिलाफ दायर अपील भी अब हाईकोर्ट में ट्रांसफर हो चुकी है, इसलिए दोनों अपीलों को एक साथ जोड़ा जाए और एक ही समय पर सुनवाई की जाए। कोर्ट ने इस आग्रह को स्वीकार कर लिया है। अब सलमान खान, सैफ अली खान और अन्य सितारों से जुड़े सभी अपील मामलों की संयुक्त सुनवाई 28 जुलाई को होगी।
क्या है लीव टू अपील
किसी भी मामले में अपील पेश करने की समय सीमा बीत जाने के बाद "लीव टू अपील" यानी "अपील करने की इजाजत" पेश की जाती है। यह एक कानूनी प्रक्रिया है जिसमें किसी व्यक्ति को किसी निर्णय या आदेश के खिलाफ अपील करने के लिए अनुमति मांगने की आवश्यकता होती है, खासकर जब वह अपील की सामान्य समय सीमा समाप्त हो गई हो या अन्य कानूनी बाधाओं के कारण अपील करने में असमर्थ हो।
बता दें कि कांकाणी काला हिरण शिकार मामले में फिल्म अभिनेता सलमान खान को सीजन कोर्ट ने 5 साल की सजा सुनाई थी। सलमान खान को 12 अक्टूबर 1998 को गिरफ्तार किया गया था जिसके पांच दिन बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था। इसके बाद हुई सुनवाइयों में सलमान को कई बार जोधपुर भी आना पड़ा था। वहीं फिल्म अभिनेता सैफ अली खान, नीलम, तब्बू, सोनाली बेन्द्र व दुष्यंत सिंह को बरी किया गया था।