संघर्ष से सफलता तक — ‘विजेता’ का ट्रेलर बना प्रेरणा की मिसाल

Tuesday, Sep 09, 2025-05:34 PM (IST)

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। बहुप्रतीक्षित फिल्म “विजेता” का ट्रेलर हाल ही में लॉन्च किया गया और आते ही इसने दर्शकों के दिलों को छू लिया। यह ट्रेलर न केवल एक सच्ची जीवन-गाथा की झलक देता है, बल्कि आज के युवाओं को यह संदेश भी देता है कि संघर्ष, साहस और समर्पण से कुछ भी संभव है।

राजीव एस. रूइया द्वारा निर्देशित और डॉ. राजेश के. अग्रवाल द्वारा निर्मित इस फिल्म की कहानी खुद डॉ. अग्रवाल के जीवन से प्रेरित है। कोलकाता की गलियों से एक अंतरराष्ट्रीय कारोबारी बनने तक की यह कहानी सही मायनों में “ज़ीरो से हीरो” की यात्रा है।

ट्रेलर की शुरुआत: साधारण जीवन से असाधारण सफर तक

ट्रेलर की शुरुआत एक आम युवक के संघर्षपूर्ण जीवन से होती है। भीड़भाड़ वाले बाजार, सीमित साधन, और एक सपने से भरी आंखें — यह दृश्य हर उस युवा की कहानी है जो छोटे शहरों से बड़े सपने लेकर निकलता है। कहानी तब एक मोड़ लेती है जब इस युवा को जीवन में बड़े झटकों, विश्वासघात, पारिवारिक जिम्मेदारियों और सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

ट्रेलर में एक ओर जहाँ नायक का आत्मबल और मेहनत दिखाई देती है, वहीं दूसरी ओर उसका मुकाबला अंडरवर्ल्ड और प्रतिस्पर्धा की काली दुनिया से होता है। लेकिन अंततः यही संघर्ष उसे एक नई पहचान देता है — एक विजेता की।

कलाकारों का सशक्त अभिनय

फिल्म में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं रवि भाटिया, जिनका अभिनय दृढ़ता और भावनात्मक गहराई दोनों को बखूबी दर्शाता है। उनके साथ ज्ञान प्रकाश, भारती अवस्थी, दीक्षा ठाकुर, गोधन कुमार और प्रीटी अग्रवाल जैसे कलाकारों ने अपने किरदारों में जान डाल दी है। सभी ने मिलकर एक सच्चे और प्रेरणात्मक चरित्र की जटिलताओं को पर्दे पर जीवंत कर दिया है।

पटकथा और निर्देशन: गहराई और संवेदना का मेल

चर्चित लेखक संदीप नाथ की कलम से निकली पटकथा व्यक्तिगत संघर्ष, जीवन की सच्चाइयों और मानवीय भावनाओं को खूबसूरती से प्रस्तुत करती है। वहीं निर्देशक राजीव एस. रूइया ने फिल्म के हर दृश्य को ऐसी संवेदनशीलता और शक्ति के साथ फिल्माया है कि वह सीधे दर्शकों के दिल तक पहुँचता है।

ट्रेलर में सेपिया टोन का उपयोग अतीत की यादों को उजागर करता है, वहीं विजय के दृश्यों में भव्यता दर्शकों को गौरव और प्रेरणा से भर देती है। हर फ्रेम सोच-समझकर रचा गया है।

अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी बनी पहचान

ट्रेलर को अबू धाबी फिल्म फेस्टिवल और कान्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2025 में भी प्रस्तुत किया गया, जहाँ इसे सराहना और सम्मान दोनों मिले। यह फिल्म एक बार फिर भारतीय सिनेमा की अंतरराष्ट्रीय पहचान को मजबूती प्रदान करती है।

वास्तविक जीवन से प्रेरित: डॉ. राजेश के. अग्रवाल की कहानी

फिल्म की कहानी किसी काल्पनिक स्क्रिप्ट पर नहीं, बल्कि हकीकत पर आधारित है। डॉ. राजेश के. अग्रवाल ने कोलकाता में अपने पिता के छोटे व्यवसाय में सहायक के रूप में शुरुआत की थी, लेकिन अपनी कड़ी मेहनत और दूरदृष्टि के बल पर उन्होंने राजेश बनियान, फिर RKG इंटरनेशनल FZC जैसी सफल वैश्विक कंपनियों की स्थापना की, जो आज 33 देशों में कार्यरत है।

वे केवल एक बिजनेस लीडर ही नहीं, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में सामाजिक योगदान देने वाले एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व हैं।


Content Editor

Jyotsna Rawat

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