जब पिता के साथ इस एक्ट्रेस के लिपलाॅक फोटो पर मचा था हंगामा, फिर ट्रोलर्स को सुनाई खरी-खरी
Tuesday, Mar 18, 2025-06:49 PM (IST)

बाॅलीवुड तड़का : 90 के दशक में पूजा भट्ट बॉलीवुड की सबसे बेहतरीन और चर्चित अभिनेत्रियों में से एक थीं। अपने बोल्ड अंदाज और दमदार अदाकारी के लिए मशहूर पूजा ने कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया। लेकिन एक समय ऐसा भी आया जब वह अपनी फिल्मों से ज्यादा एक विवादित फोटोशूट को लेकर सुर्खियों में रहीं।
दरअसल, एक मैगजीन के कवर पेज के लिए किए गए फोटोशूट में पूजा भट्ट अपने पिता महेश भट्ट के साथ नजर आई थीं। इस तस्वीर में दोनों के बीच लिपलॉक सीन था, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया। यह तस्वीर सामने आते ही पिता-बेटी के रिश्ते को लेकर कई सवाल खड़े किए गए और सोशल मीडिया पर लोगों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी। पूजा भट्ट और महेश भट्ट दोनों को इस फोटो के कारण काफी ट्रोल भी किया गया था।
पूजा भट्ट ने दी ट्रोल्स को करारा जवाब
पूजा भट्ट ने इस विवाद को लेकर एक इंटरव्यू में खुलकर बात की थी। उन्होंने कहा, 'मैं इस पूरी स्थिति को बहुत ही साधारण नजरिए से देखती हूं। दुर्भाग्य से, किसी भी चीज़ को गलत तरीके से पेश किया जा सकता है और उसका अलग अर्थ निकाला जा सकता है।'
उन्होंने यह भी कहा कि शाहरुख खान ने एक बार उनसे इस विषय पर बातचीत भी की थी।
शाहरुख खान ने क्या कहा था?
पूजा भट्ट ने इंटरव्यू में बताया कि जब यह विवाद चल रहा था, तब शाहरुख खान ने उनसे एक खास बात कही थी। 'शाहरुख ने मुझसे कहा था कि जब तुम्हारी खुद की बेटियां होंगी, तो तुम समझोगी कि जब बच्चे छोटे होते हैं, वे कई बार कहते हैं- 'मम्मी-पापा एक किस'। मैं आज भी अपने पापा के लिए वही छोटी बच्ची हूं। मेरे लिए भी वह हमेशा वैसे ही रहेंगे।' पूजा का कहना था कि इस तस्वीर को किस नजरिए से देखा जाए, यह लोगों की मानसिकता पर निर्भर करता है।
'मैं सफाई देने नहीं बैठी' - पूजा भट्ट
पूजा भट्ट ने आगे कहा,'लोग इस चीज को कैसे देखते हैं, यह उनके सोचने के तरीके पर निर्भर करता है। अगर कोई इसे गलत नजरिए से देखता है, तो यह उनके माइंडसेट को दर्शाता है। यह एक बहुत ही मासूम पल था, लेकिन कुछ लोगों ने इसे जबरदस्ती अलग मतलब देकर विवाद बना दिया।' पूजा ने आगे कहा, 'मैं इस चीज़ को डिफेंड करने नहीं बैठी हूं। अगर लोग बाप-बेटी के रिश्ते को इस तरह से देख सकते हैं, तो फिर वे किसी भी चीज़ को गलत साबित कर सकते हैं। और फिर हम परिवारिक मूल्यों की बात करते हैं! यह सच में कमाल की बात है।'