'अरे जब शक्ति, संपत्ति और सबुद्धि तीनों औरतें ही हैं तो मर्दों को किस बात का गरूर' डायलॉग्स जो बनाते हैं कि आलिया भट्ट को पर्दे की ज्वालामुखी
Saturday, Feb 05, 2022-01:28 PM (IST)

मुंबई: कहते हैं ना किसी चीज का आगाज ही बता देता है कि अंजाम कैसा होगा... कुछ ऐसा ही बाॅलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट की फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' के ट्रेलर से साथ भी हुआ। आलिया भट्ट की फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' के ट्रेलर की शुरुआत 'कहते हैं कमाठीपुरा में कभी अमावस की रात नहीं होती, क्योंकि वहां गंगूबाई रहती है इसी दमदार डायलाॅग से होती है।
ट्रेलर में आलिया भट्ट के बाद यदि किसी एक बात ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया है तो वह हैं डायलॉग्स। एक के बाद एक ऐसे दमदार डायलॉग्स जो सीधे दिल और दिमाग पर असर छोड़ते हैं। जैसे ही ट्रेलर रिलीज हुआ है तो ऐसा लग रहा है कि 25 फरवरी को हमारी फिल्मों का संक्रमण भी खत्म हो जाएगा। जब डायलॉग्स की इतनी बात हो गई है तो आइए उन डायलॉग्स पर भी नजर दौड़ाते हैं, जिसने फिल्म से उम्मीदें बांध दी हैं।
फिल्म की कहानी एक सिंपल सी लड़की की है, जो कमाठीपुरा की महारानी बन जाती है। गंगूबाई का असली नाम गंगा हरजीवनदास था। वह गुजरात में एक संपन्न परिवार में पैदा हुईं।
प्रेमी के साथ भागकर मुंबई आई... शादी की। इसके बाद उस दरिंदे पति ने गंगा को कमाठीपुरा के एक वेश्यालय में 500 रुपए में बेच दिया। यहां आते ही गंगाकी जिंदगी नर्क जैसी हो गई।
फिल्म अजय देवगन करीम लाला के किरदार में हैं। उनका रोल छोटा जरूर है, लेकिन अहम है। अजय देवगन की तरह ही हुमा कुरैशी भी फिल्म में कैमियो कर रही हैं।
गंगा के गंगूबाई बनने में करीम लाला का बड़ा हाथ है।
उन दिनों कमाठीपुरा में करीम लाला की तूती बोलती थी। गंगा अब गंगूबाई बन गई। कमाठीपुरा पर राज करने लगी। सेक्स वर्कर्स और अनाथ बच्चों के हक के लिए आवाज उठाने लगी। साथ ही करीम लाला के अवैध धंधों का भी खयाल रखने लगी।