खलनायकी को एक नई पहचान देने वाले अमरीश पुरी की पुण्यतिथि पर जानें कुछ अनसुनी बातें

Sunday, Jan 12, 2020-01:57 AM (IST)

बॉलीवुड तड़का डेस्कः बॉलीवुड में अमरीश पुरी को एक ऐसे एक्टर और खलनायक के तौर पर याद किया जाता है जिन्होंने अपनी कड़क आवाज ,रौबदार भाव-भंगिमाओं और दमदार एक्टिंग के बल पर दर्शकों के दिलों पर राज किया और खलनायकी को एक नई पहचान दी। अमरीश पुरी ने अपने अभिनय के दम पर एक अलग ही छाप छोड़ी है। 12 जनवरी 2005 को 73 साल की उम्र में अमरीश पुरी ने दुनिया को अलविदा कह दिया। उनकी मौत ब्रेन हेमरेज से हुई थी। तो चलिए अमरीश पुरी की पुण्यतिथि पर बताते हैं उनके फिल्मीं करियर के बारे में...
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पंजाब के नौशेरां गांव में 22 जून 1932 में जन्में अमरीश पुरी ने अपने करियर की शुरूआत श्रम मंत्रालय में नौकरी से की और उसके साथ साथ सत्यदेव दुबे के नाटकों में अपने एक्टिंग का जौहर दिखाया।
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बाद में वह पृथ्वी राज कपूर के ‘पृथ्वी थियेटर' में बतौर कलाकार अपनी पहचान बनाने में सफल हुए। पचास के दशक में अमरीश पुरी ने हिमाचल प्रदेश के शिमला से बीए पास करने के बाद मुंबई का रूख किया। उस समय उनके बड़े भाई मदनपुरी हिन्दी फिल्म मे बतौर खलनायक अपनी पहचान बना चुके थे। साल 1954 मे अपने पहले फिल्मी स्क्रीन टेस्ट मे अमरीश पुरी सफल नही हुए । 
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इसके बाद साल 1971 मे बतौर खलनायक अमरीश पुरी ने फिल्म रेशमा और शेरा से अपने कैरियर की शुरूआत की, लेकिन इस फिल्म से दर्शकों के बीच वह अपनी पहचान नहीं बना सके। लेकिन उनके उस जमाने के मशहूर बैनर बाम्बे टाकिज में कदम रखने बाद उन्हें बडें बड़े बैनर की फिल्में मिलनी शुरू हो गई। अमरीश पुरी ने खलनायकी को ही अपने करियर का आधार बनाया।


Pawan Insha

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