मुश्किल परिस्थितियों में अंतरात्मा की आवाज सुनती हैं दीपिका पादुकोण, कहा- जो सही लगता, उसपर कायम रहती
Thursday, May 29, 2025-12:28 PM (IST)

मुंबई. एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण बॉलीवुड इंडस्ट्री का एक जाना माना चेहरा हैं, लेकिन एक समय वह बेहद कठिन दौर से गुजर चुकी हैं। एक्ट्रेस प्यार में मिले धोखे के कारण डिप्रेशन से जूझ चुकी हैं। इस बारे में वह कई बार पब्लिक में बात कर चुकी हैं। वहीं, हाल ही में दीपिका ने जब यह पूछा गया कि क्या चीज उन्हें संतुलित रखती है तो उन्होंने कहा, “जो चीज मुझे संतुलित रखती है, वह है सच्चा और विश्वसनीय होना। इसके साथ ही एक्ट्रेस ने बताया कि वह कठिन परिस्थितियों का सामना किस तरह करती हैं।
दीपिका पादुकोण ने कहा है कि वह मुश्किल परिस्थितियों में अंतरात्मा की आवाज सुनती हैं और जो सही लगता है, उसपर कायम रहती हैं। ‘वोग अरेबिया' को दिए इंटरव्यू में दीपिका ने बताया कि जटिल या कठिन परिस्थितियों में मैं अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनती हूं और उन निर्णयों पर कायम रहती हूं जो वास्तव में शांत रहने में मेरे लिए मददगार होते हैं। ऐसा करके मैं सबसे अधिक संतुलित महसूस करती हूं।”
उन्होंने रचनात्मक मतभेदों के कारण संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म “स्पिरिट” से कथित रूप से उनके बाहर निकलने को लेकर उठे विवाद के बाद यह टिप्पणी की है। हालांकि फिल्म में पादुकोण के शामिल होने को लेकर कभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई थी। "स्पिरिट" भूषण कुमार की टी-सीरीज और वांगा की भद्रकाली पिक्चर्स द्वारा समर्थित है।
विवाद पिछले हफ्ते शुरू हुआ जब मीडिया में खबरें आईं कि पादुकोण ने फिल्म छोड़ दी है। निर्माताओं ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की कि तृप्ति डिमरी मुख्य एक्ट्रेस जबकि प्रभास मुख्य एक्टर होंगे। पादुकोण के इंटरव्यू से एक दिन पहले, वांगा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की, जिसमें उन्होंने इशारों ही इशारों में एक्ट्रेस पर निशाना साधा। निर्देशक ने अपने ‘एक्स' हैंडल पर बिना किसी का नाम लिए एक लंबा पोस्ट किया और लिखा, “जब मैं किसी कलाकार को कहानी सुनाता हूं, तो मैं उस पर सौ प्रतिशत भरोसा करता हूं। हमारे बीच एक अनकहा समझौता होता है, जिसके तहत कोई बात सार्वजनिक नहीं की जाती।” उन्होंने पोस्ट में कहा, “लेकिन ऐसा करके आपने अपनी शख्सियत सामने ला दी है...एक युवा कलाकार को नीचा दिखाना और मेरी (फिल्म की) कहानी को दरकिनार करना? क्या यही आपका नारीवाद है।”
उन्होंने कहा था, “एक फिल्म निर्माता के रूप में, मैंने अपनी कला को निखारने के लिए वर्षों तक कड़ी मेहनत की है और मेरे लिए, फिल्म निर्माण ही सब कुछ है। आपको यह नहीं मिला। आपको वह नहीं मिला। आपको यह कभी नहीं मिलेगा। ऐसा करो... अगली बार पूरी कहानी बोलना... क्योंकि मुझे जरा भी फर्क नहीं पड़ता। डर्टी पी आर गेम्स। मुझे यह कहावत बहुत पसंद है... खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे।”