कैलाश खेर को बॉम्बे हाई कोर्ट से बड़ी राहत, गाने के जरिए धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का लगा था आरोप
Thursday, Mar 13, 2025-03:58 PM (IST)

मुंबई. साल 2007 में सिंगर कैलाश खेर ने भगवान शिव पर आधारित गाना "बम बम बम" गाया था, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया था। इस गाने पर एक स्थानीय अदालत में गायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि इस गाने में धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर आहत किया गया है। इसके बाद यह मामला बॉम्बे हाई कोर्ट तक पहुंचा था। वहीं, अब इस मामले में कैलाश खेर को राहत मिल गई है।अदालत ने इस केस को खारिज कर दिया है।
यह मुकदमा लुधियाना की एक स्थानीय अदालत में नरिंदर मक्कड़ नामक एक व्यक्ति द्वारा दायर किया गया था, जिसने दावा किया था कि कैलाश खेर के गाने "बम बम बम" में अश्लील वीडियो दिखाए गए हैं। शिकायतकर्ता का कहना था कि वीडियो में महिलाओं को कम कपड़े पहने हुए दिखाया गया है और वे एक-दूसरे को चूम रही हैं। मक्कड़ ने खुद को शिव उपासक बताते हुए यह आरोप लगाया कि इस वीडियो ने भगवान शिव के प्रति अपमानजनक चित्रण किया है और इससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।
बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला
वहीं, बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस शिकायत पर फैसला सुनाते हुए कहा कि कैलाश खेर का गाना केवल भगवान शिव की तारीफ में था और इसमें कोई गलत इरादा नहीं था। कोर्ट ने यह भी कहा कि गाने के बोल भगवान शिव की महिमा का बखान करते हैं और किसी व्यक्ति का गाने से नाराज होना जरूरी नहीं कि इसका मतलब यह हो कि उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि गाने का उद्देश्य धार्मिक भावनाओं को आहत करना नहीं था, बल्कि इसे एक श्रद्धा भाव से गाया गया था।
वहीं, सिंगर कैलाश खेर ने इस मामले में हाई कोर्ट का रुख किया था, जब लुधियाना की स्थानीय अदालत में उनके खिलाफ शिकायत दायर की गई थी। उन्होंने याचिका में कहा था कि वह केवल गाने के गायक हैं और वीडियो की कोरियोग्राफी सोनी म्यूजिक एंटरटेनमेंट के माध्यम से एक अन्य कंपनी ने की थी। खेर ने यह भी तर्क दिया था कि गाने का वीडियो केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) से मंजूरी प्राप्त करने के बाद ही जारी किया गया था।