’हम दिल दे चुके सनम'' के साथ 24 साल बाद भी जीवित है संजय लीला भांसाली की संगीतीय प्रतिभा
Sunday, Jun 18, 2023-04:39 PM (IST)
नई दिल्ली। संजय लीला भंसाली की मैग्नम ओपस 'हम दिल दे चुके सनम' अपनी 24वीं सालगिरह मना रही है। यह एक अनोखी फिल्म है जिसने 1999 में रिलीज़ होकर पूरी दुनिया के दिलों को छू लिया था। इसमें दिलकश सीन्स, रोमांचकारी कहानी और यादगार प्रदर्शन सभी को दीवाना बनाने वाला था। इन सबके बावजूद फिल्म का सबसे खास हिस्सा उसका संगीत है, जो आज भी लोगों के दिलों में बसा हुआ है। 'हम दिल दे चुके सनम' संजय भंसाली की महानता का साक्षी है, जो अपने अभिनेताओं से शानदार प्रदर्शन निकालने की क्षमता रखते हैं। सलमान खान, ऐश्वर्या राय बच्चन और अजय देवगन जैसे अभिनेताओं के साथ इस फिल्म ने प्यार, त्याग और प्यार जैसे मुद्दों को छूने का प्रयास किया था।
फिल्म की सफलता में उसका म्यूजिक एल्बम महत्वपूर्ण था, जो भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक टाइमलेस क्लासिक में आज भी प्रसिद्ध है। इस्माइल दरबार ने इसे संगीतिशों में मेलोडी, काव्य और दिल को छूने वाले भावों का बेहतरीन मिश्रण दिया है। हर एक गाना फिल्म की मूल उद्देश्यों को ध्यान में रखता है, कहानी को और चमकाता है और किरदारों की अलग-अलग भावनाओं को खूबसूरती के साथ पकड़ता है।
इस अनोखे एल्बम में "आंखों की गुस्ताखियां" जैसा गीत है, जो एक प्यार करने वाला अपने साथी को अपनी भावनाओं का अहसास दिलाता है, कहता है कि आँखें ही हैं जो उन्हें प्रेम में व्यथित करती हैं, जो उन्हें प्यार में गिराती हैं। ये गाने भावुकता से भरे हुए हैं। इसके अलावा, "ढोली तारो ढोल बाजे" एक जोश से भरा गीत है, जो नवरात्रि में पसंद किया जाता है और "तड़प तड़प के" एक जुदा हुए प्यार का यादगार गीत है, जो अभी भी टूटे दिलों के लिए क्लासिक माना जाता है। इसके साथ ही 'कैपूचे' गीत है, जो मकर संक्रांति में बजाया जाता है। इस एल्बम में अलग-अलग संगीतिक शैलियों का बढ़िया संगम है, जो बिना किसी समस्या के फिल्म के दाल-बाटी में मिल जाती हैं। ये गाने सिर्फ कहानी की बताने के लिए ही नहीं हैं, बल्कि सुनने वालों के साथ गहरा भावनात्मक संबंध बनाते हैं।
भंसाली की सबसे बड़ी ताकत यह है कि वह अपने कलाकारों से उनकी शानदार प्रदर्शन निकालने में माहिर हैं। वह उन्हें उनकी सीमाओं तक पहुंचाते हैं, उनकी भावनाओं को पकड़ते हैं और इन्हें सच्चाई के साथ स्क्रीन पर प्रस्तुत करते हैं। 'हम दिल दे चुके सनम' इस कौशल का एक सबूत है क्योंकि यह उन्होंने कलाकारों की बेहतरीन विशेषता दिखाई और उनके सबसे अच्छे प्रदर्शन को पेश किया। यही चीज उनकी दूसरी फिल्मों में भी देखा जा सकता है और भानसाली की इस काबिलियत के कारण, उनके कलाकार शानदार प्रदर्शन दे पाते हैं, और उन्हें कभी पछताने का मौका नहीं देते हैं।
'हम दिल दे चुके सनम' का संगीत खास उल्लेख योग्य है। हर गाना तुरंत हिट बन गए और आज भी संगीत प्रेमियों द्वारा आदर्शित किया जाता है। चाहे वह खिलखिलाते हुए "निम्बुडा निम्बुडा" हो, आत्मा को छू लेने वाला "तड़प तड़प" हो, जोश से भरा "ढोली तारो ढोल बाजे" हो या टाइटल ट्रैक "हम दिल दे चुके सनम" हो, हर एक संगीत रचना दर्शकों के मन में संयोजन बनाती है।
संजय लीला भांसाली की 'हम दिल दे चुके सनम' एक सिनेमाटिक मास्टरपीस है जो दर्शकों को लगातार मोहित करता है, और इसके एक्स्ट्राआर्डिनरी म्यूजिक एल्बम के कारण यह बड़े हिस्से में है। फिल्म की एपिक स्टोरी टेलिंग, आउटस्टैंडिंग परफॉरमेंस, और संवेदनशीलता से निर्मित गीतों ने इसे बॉलीवुड क्लासिक्स के पंथनिर्माण में सुनिश्चित कर दिया है। जैसे की हम इसकी 24वीं वर्षगांठ मन रहे हैं, हमें 'हम दिल दे चुके सनम' के कभी न खत्म होने वाले जादू को स्वीकार करने और इसके संगीत की शानदारता में आनंद लेने का समय है, जो हमारे दिल में हमेशा छिपा रहेगा।