वक्फ संशोधन एक्ट 2025 के खिलाफ इस एक्टर ने किया विरोध, Supreme Court में दायर की याचिका
Monday, Apr 14, 2025-01:11 PM (IST)

बाॅलीवुड तड़का : वक्फ (संशोधन) बिल 2025 को लोकसभा और राज्यसभा से बहुमत मिलने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की रजामंदी से कानून बन गया है। हालांकि, इस कानून को लेकर तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) पार्टी के अध्यक्ष और साउथ एक्टर थलापति विजय ने विरोध जताया है। एक्टर ने इस कानून को चुनौती देने का निर्णय लिया है और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
वक्फ (संशोधन) एक्ट 2025 को चुनौती
वक्फ (संशोधन) एक्ट 2025 को लेकर पहले ही कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की जा चुकी हैं। याचिकाओं में यह दावा किया गया है कि यह कानून मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभाव करता है और उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। अब, थलापति विजय ने भी इस एक्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभिनेता ने इस एक्ट को मुस्लिम विरोधी और संविधान के खिलाफ बताते हुए कानूनी चुनौती दी है।
Tamilaga Vettri Kazhagam (TVK) party president and actor Vijay files plea in Supreme Court challenging the Waqf (Amendment) Act 2025.
— ANI (@ANI) April 13, 2025
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थलापति विजय का बयान
थलापति विजय ने वक्फ (संशोधन) एक्ट 2025 के बारे में बात करते हुए कहा था कि यह कानून मुस्लिम विरोधी है। उन्होंने इसे संसद के निचले सदन से पारित होने के बाद संविधान की गरिमा और भारतीय लोकतंत्र के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के खिलाफ बताया। अभिनेता ने कहा, 'यह बिल एक बार फिर संविधान की गरिमा पर सवाल खड़ा करता है।' इसके अलावा, थलापति विजय ने अपनी पार्टी टीवीके की तरफ से यह भी कहा था कि अगर केंद्र सरकार इस बिल को वापस नहीं लेती, तो टीवीके मुस्लिम समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए कानूनी संघर्ष में शामिल होगा।
वक्फ (संशोधन) एक्ट के खिलाफ पहले भी कई नेताओं ने उठाई आवाज
थलापति विजय से पहले भी कई नेता वक्फ (संशोधन) एक्ट के खिलाफ कोर्ट का रुख कर चुके हैं। इनमें AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद और इमरान प्रतापगढ़ी, आम आदमी पार्टी (आप) विधायक अमानतुल्लाह खान, आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद और समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क शामिल हैं।
वक्फ (संशोधन) एक्ट 2025 को लेकर राजनीतिक और कानूनी विवादों का सिलसिला बढ़ता जा रहा है, और देखना होगा कि इस पर सुप्रीम कोर्ट का क्या फैसला आता है।