बेटी सोनाक्षी के बाद मुकेश खन्ना पर भड़के शत्रुघ्न सिन्हा, कहा-उन्हें धर्म का ठेकेदार किसने बनाया

Tuesday, Dec 17, 2024-03:34 PM (IST)

मुंबई. टीवी शो महाभारत के भीष्म पितामह यानी एक्टर मुकेश खन्ना अपने बेबाक बयानों और विवादित मुद्दों पर खुलकर राय रखने के लिए जाने जाते हैंकई बार तो उन्हें अपने बयानों के लिए ट्रोल भी होना पड़ता है। हाल ही में जब उन्होंने सोनाक्षी सिन्हा के रामायण ज्ञान पर शत्रुघ्न सिन्हा को जिम्मेदार बताया तो एक्ट्रेस ने उनकी खूब क्लास लगाई। वहीं, बेटी के बाद अब शत्रुघ्न सिन्हा ने भी इशारों-इशारों में मुकेश खन्ना को जवाब दिया है।


दरअसल, जब सोनाक्षी सिन्हा "कौन बनेगा करोड़पति" के सेट पर आई थीं, तो उनसे रामायण से जुड़ा एक सवाल पूछा गया था, जिसका सही जवाब वह नहीं दे पाईं। सवाल था कि संजीवनी बूटी को कौन लेकर आया था, लेकिन सोनाक्षी को इसका जवाब नहीं पता था। इस पर उन्हें काफी ट्रोल किया गया था।

 

इस मुद्दे पर मुकेश खन्ना ने सोनाक्षी को ट्रोल करते हुए उनके पेरेंट्स की परवरिश पर सवाल उठाया। उनका कहना था कि अगर किसी को रामायण के बारे में बुनियादी जानकारी नहीं है, तो यह उसकी परवरिश पर सवाल खड़ा करता है। इस पर भड़की सोनाक्षी ने कहा कि उनका धर्म या किसी के द्वारा प्रमाणपत्र देने की कोई आवश्यकता नहीं है और वह इस तरह के आलोचनाओं से प्रभावित नहीं होतीं।


अब इस पूरे विवाद पर सोनाक्षी के पिता शत्रुघ्न सिन्हा ने मुकेश खन्ना को जवाब दिया है। शत्रुघ्न ने एक इंटरव्यू में मुकेश खन्ना का नाम लिए बिना कहा कि उन्हें हिंदू धर्म का 'संरक्षक' किसने नियुक्त किया। उन्होंने कहा, "मुझे समझ नहीं आता कि एक सवाल का जवाब नहीं देने पर किसी की योग्यता पर सवाल उठाना क्यों जरूरी है। सबसे पहले, यह कौन तय करता है कि कोई रामायण के बारे में विशेषज्ञ है या नहीं?"

 

शत्रुघ्न सिन्हा ने आगे कहा, "मुझे अपने तीनों बच्चों पर गर्व है, और सोनाक्षी ने खुद ही अपनी पहचान बनाई है। मैंने उसे कभी लॉन्च नहीं किया। वह ऐसी बेटी है जिस पर हर पिता को गर्व होगा।" उन्होंने यह भी कहा कि रामायण के एक सवाल का उत्तर न देने से सोनाक्षी की हिंदू होने की योग्यता पर कोई असर नहीं पड़ता।

इस मामले में शत्रुघ्न का कहना था कि उनका परिवार हमेशा से 'रामायण' से जुड़ा हुआ रहा है, और उनके जुड़वा बच्चों के नाम 'लव' और 'कुश' रखे गए हैं। फिर भी, वह मानते हैं कि किसी की धार्मिक या सांस्कृतिक पहचान को किसी एक सवाल से नहीं परखा जा सकता।


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suman prajapati

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