ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने से नाराज बाबा रामदेव, बोले-''कोई भी ऐसे एक दिन में संत नहीं बन जाता''
Tuesday, Jan 28, 2025-09:14 AM (IST)
मुंबई: महाकुंभ मेले में संन्यास दीक्षा सैकड़ों लोग ले रहे हैं। एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी ने भी संन्यास दीक्षा ली है। किन्नर अखाड़े ने उन्हें महामंडलेश्वर बनाया है। उन्हें नया नाम श्री यामाई ममता नंद गिरी दिया गया। कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि 24 घंटे में संन्यासी से महामंडलेश्वर का सफर ममता ने कैसे पूरा कर लिया? उन्होंने गुरु दीक्षा जूना अखाड़े से ली तो फिर महामंडलेश्वर किन्नर अखाड़े से क्यों बनीं? वहीं अब योग गुरु बाबा रामदेव ने ममता कुलकर्णी को हाल ही में महामंडलेश्वर बनाए जाने और महाकुंभ के नाम पर सोशल मीडिया रील्स के जरिए फैलाई जा रही अश्लीलता पर कड़ी नाराज़गी जताई है।
रामदेव ने कहा 'कुछ लोग, जो कल तक सांसारिक सुखों में लिप्त थे अचानक एक ही दिन में संत बन जाते हैं या महामंडलेश्वर जैसी उपाधियां पा लेते हैं। मीडिया से बातचीत में बाबा रामदेव ने महाकुंभ के नाम के दुरुपयोग पर चिंता जताई है। कुछ लोग महामंडलेश्वर बन गए हैं। किसी के नाम के साथ बाबा की उपाधि जोड़ देना या कुंभ के नाम पर अश्लील हरकतों और रीलों को बढ़ावा देना अस्वीकार्य है। कुंभ का असली सार मानवता को देवत्व, संतत्व और आध्यात्मिक जागृति की ओर ले जाना है।'
ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर की अपाधि देने को लेकर बातें करते हुए रामदेव ने कहा- 'कोई भी व्यक्ति एक दिन में संत नहीं बन जाता। इसके लिए कई वर्षों की तपस्या की जरूरत होती है। हमें संत बनने के लिए 50 वर्षों तक कठोर अनुशासन का पालन करना पड़ा। साधु बनना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और महामंडलेश्वर बनना उससे भी बड़ी उपलब्धि ह लेकिन आजकल, मैं देख रहा हूं कि लोगों को बिना किसी आवश्यक समर्पण के जल्दबाजी में यह उपाधि दे दी जाती है। ऐसा नहीं होना चाहिए।'
सनातन धर्म की गहराई को लेकर बात करते हुए बाबा रामदेव ने बताया- 'सनातन का मतलब है अपने शाश्वत सत्यों का अनुभव करना, उन्हें जीना और उनका विस्तार करना। सनातन वह शाश्वत सत्य है जिसे नकारा नहीं जा सकता।'
इससे पहले, बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भी ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर घोषित किए जाने पर आपत्ति जताई थी।