धर्म के नाम पर नफरत, अपमान बर्दाश्‍त नहीं..दिल्ली HC का कड़ा रुख, फिल्म ‘मासूम कातिल’ की रिलीज पर लगाई रोक

Friday, Sep 12, 2025-02:51 PM (IST)

मुंबई. फिल्मों में धर्म के नाम पर नफरत फैलाने और धार्मिक भावनाओं का अपमान करने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने कहा कि ऐसी फिल्में किसी भी रूप में एक सभ्य और सेक्युलर समाज में स्वीकार्य नहीं हो सकतीं। यह टिप्पणी उस समय आई जब फिल्म ‘मासूम कातिल’ के मेकर्स ने इसकी रिलीज़ के लिए दायर याचिका पर सुनवाई की।

 

सेंसर बोर्ड ने फिल्म को किया रिजेक्ट

फिल्म को लेकर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) ने साफ़ मना कर दिया था। पहले दिल्ली की एग्जामिनिंग कमेटी और फिर मुंबई की रिवाइजिंग कमेटी ने इसे पब्लिक एग्ज़िबिशन के लिए अनफ़िट माना। बोर्ड के मुताबिक, फिल्म में अत्यधिक हिंसा, खून-खराबा और इंसानी मांस खाने जैसे दृश्य दिखाए गए हैं। इसमें स्कूल के बच्चों को हत्यारे के रूप में पेश किया गया है और धर्म व जाति से जुड़ी अपमानजनक बातें कही गई हैं। कई डायलॉग्स ऐसे हैं, जो समाज में सांप्रदायिक तनाव बढ़ा सकते हैं।

कोर्ट ने मेकर्स को लगाई फटकार

जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की बेंच ने कहा: फिल्म सिर्फ हिंसक नहीं है, बल्कि इसमें धर्म और जाति का मज़ाक उड़ाया गया है। ऐसे कंटेंट से बच्चों और युवाओं की सोच बिगड़ सकती है। यदि कानून को हाथ में लेने को हीरोइज्म दिखाया जाएगा तो आम लोगों का सिस्टम पर विश्वास डगमगा सकता है। कैनिबलिज्म (मानव मांसभक्षण) जैसे सीन समाज में भय और अशांति फैलाने वाले हैं।

याचिका खारिज, रिलीज पर रोक बरकरार

अदालत ने साफ़ कर दिया कि भारत जैसे विविधताओं से भरे देश में इस तरह की फिल्में समाज की एकता और सद्भाव के लिए ख़तरा हैं। इसलिए ‘मासूम कातिल’ को रिलीज़ की इजाज़त नहीं दी जा सकती। इसके साथ ही कोर्ट ने फिल्ममेकर श्याम भारती की याचिका खारिज कर दी।


क्या थी 'मासूम कातिल' फिल्‍म की कहानी
यह फिल्म एक लड़के अनिरुद्ध की कहानी है। वह बहुत ही धार्मिक और शाकाहारी है। बचपन से ही वह जानवरों पर हो रहे अत्याचार और उनकी हत्‍याओं से परेशान रहता है। इस बीच उसके दादा का निधन हो जाता है। अनिरुद्ध की जिंदगी तब बदल जाती है, जब वह धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करता है और यह मान बैठता है कि कसाई जिन जानवरों को हर दिन काटते हैं, वो हमारे पूर्वजों का पुनर्जन्म हो सकते हैं। इसी सोच के साथ अन‍िरुद्ध एक हिंसक मिशन पर निकलता है और 12वीं क्‍लास तक आते-आते एक केमिकल बना लेता है, जिससे वह कसाइयों की हत्‍या करने लगता है। इसी बीच उसकी मुलाकात वेदिका से होती है, जो उसी की तरह कसाइयों से नफरत करती है। ऐसे में दोनों मिलकर लगातार कई हत्‍याओं को अंजाम देते हैं।


Content Writer

suman prajapati

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