सत्यजीत रे के पैतृक घर को गिराने का काम स्थगित,भारत सरकार और ममता बनर्जी की अपील के बाद लिया गया फैसला

Friday, Jul 18, 2025-12:59 PM (IST)

मुंबई. बांग्लादेश के मैमनसिंह जिले में स्थित महान फिल्मकार सत्यजीत रे के पैतृक आवास को तोड़े जाने का निर्णय स्थगित कर दिया गया है। यह फैसला व्यापक आलोचना, जनभावनाओं और भारत-बांग्लादेश सांस्कृतिक जुड़ाव को देखते हुए लिया गया। इमारत का वर्तमान में प्रयोग कर रही मैमनसिंह शिशु एकेडमी ने फिलहाल इस ऐतिहासिक भवन को न तोड़ने का निर्णय लिया है।

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बांग्लादेशी समाचार पत्र द डेली स्टार में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह घर पहले शिशु एकेडमी के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था, लेकिन अब वहां एक नई इमारत बनाए जाने की योजना बनाई गई थी। जैसे ही यह खबर सामने आई, बांग्लादेश और भारत दोनों देशों के सांस्कृतिक समुदायों में गहरा आक्रोश देखने को मिला।


 


भारत सरकार और ममता बनर्जी की अपील
इस मामले में भारत सरकार ने भी बांग्लादेश सरकार से अनुरोध किया कि इस फैसले पर पुनर्विचार किया जाए। भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया- "यह भवन ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत मूल्यवान है। इसका गहरा संबंध बांग्ला पुनर्जागरण और भारत-बांग्लादेश की साझा विरासत से है।"

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विदेश मंत्रालय ने सुझाव दिया कि इस भवन को गिराने के बजाय इसकी मरम्मत और पुनर्निर्माण कर इसे एक साहित्यिक संग्रहालय और संस्कृति के प्रतीक स्थल के रूप में संरक्षित किया जाना चाहिए। भारत सरकार ने इसके लिए आर्थिक और तकनीकी सहायता देने की भी इच्छा जताई है।

इसी मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस धरोहर को बचाने की अपील करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा- "मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सत्यजीत रे के दादा उपेंद्र किशोर राय चौधरी का ऐतिहासिक घर गिराया जा रहा है। यह खबर अत्यंत दुखद है। यह भवन बंगाली सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक है और इसे संरक्षित किया जाना चाहिए।"

वहीं, स्थानीय स्तर पर भी कई बुद्धिजीवियों, इतिहासकारों और कलाकारों ने इस निर्णय की आलोचना की और इसे संस्कृति विरुद्ध कदम बताया। कई लोगों ने कहा कि यह भवन केवल एक ईंट-पत्थर की संरचना नहीं, बल्कि एक युग की स्मृति और प्रेरणा का स्रोत है।

 अब जबकि शिशु एकेडमी ने अस्थायी रूप से तोड़फोड़ का निर्णय रोका है, यह उम्मीद की जा रही है कि संबंधित अधिकारी और सरकार मिलकर इस स्थल को एक हेरिटेज म्यूज़ियम में तब्दील करने की दिशा में कदम उठाएंगे।


100 साल पुराना है ये बंगला
बता दें, यह ऐतिहासिक भवन करीब 100 वर्ष से भी अधिक पुराना है और हरिकिशोर रे चौधरी रोड, मैमनसिंह में स्थित है। इसे सत्यजीत रे के दादा, प्रसिद्ध लेखक, चित्रकार और प्रकाशक उपेंद्र किशोर राय चौधरी ने बनवाया था। रे परिवार का बंगाली साहित्य और संस्कृति में अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
 


Content Writer

suman prajapati

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